रेसलर पर प्रतिबंध: बैन के बाद एक्शन में आए बजरंग पुनिया, भाजपा और भारतीय कुश्ती महासंघ पर निकाली भड़ास
- डोप टेस्ट देने से इंकार करने के लिए नाडा ने 4 सालों के लिए बजरंग पुनिया पर लगाया बैन
- बैन लगने के बाद बजरंग ने बीजेपी पर जड़ा करियर तबाह करने का आरोप
- बीते 23 अप्रैल को सबसे पहले लगाया था प्रतिबंध
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी से चार सालों तक बैन होने के बाद ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया एक्शन मोड में आ गए हैं। दरअसल, भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया ने नाडा को सैंपल देने से इंकार कर दिया था, जिसकी वजह से एजेंसी ने उनपर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने मौजूदा सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि यह कोई हैरान कर देने वाला फैसला नहीं है। इसके अलावा उन्होंने भाजपा सरकार पर उनसे बदला लेने का आरोप जड़ा है।
भारतीय रेसलर ने भाजपा पर निशान साधते हुए कहा कि महिला पहलवानों के किए आंदोलन में उनका समर्थन करने के लिए सरकार मुझसे बदला लेना चाहती है। ओलंपिक रजत पदक विजेता बजरंग पुनिया ने यहां तक कहा कि भगवा पार्टी और भारतीय कुश्ती महासंघ उनका करियर तबाह करना चाहती है।
यह चार साल का प्रतिबंध मेरे खिलाफ व्यक्तिगत द्वेष और राजनीतिक साजिश का परिणाम है। मेरे खिलाफ यह कार्रवाई उस आंदोलन का बदला लेने के लिए की गई है, जो हमने महिला पहलवानों के समर्थन में चलाया था। उस आंदोलन में हमने अन्याय और शोषण के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की थी।मैं यह स्पष्ट करना…— Bajrang Punia (@BajrangPunia) November 27, 2024
बजरंग पुनिया ने अपने आधिकारीक सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, "यह चार साल का प्रतिबंध मेरे खिलाफ व्यक्तिगत द्वेष और राजनीतिक साजिश का परिणाम है। मेरे खिलाफ यह कार्रवाई उस आंदोलन का बदला लेने के लिए की गई है, जो हमने महिला पहलवानों के समर्थन में चलाया था। उस आंदोलन में हमने अन्याय और शोषण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी।" आगे उन्होंने यह भी बताया कि डोप टेस्ट के लिए वह हमेशा तैयार थे लेकिन नाडा की टीम जिस टेस्ट किट के साथ आई थी वह एक्सपायर थी। जिसकी वजह से उन्होंने सैंपल देने से इंकार कर दिया था। उन्होंने कहा, "मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने कभी भी डोपिंग टेस्ट कराने से मना नहीं किया। नाडा की टीम जब मेरे पास टेस्ट के लिए आई थी, तो उनके पास जो डोप किट थी, वह एक्सपायर हो चुकी थी। यह एक गंभीर लापरवाही थी, और मैंने केवल यह आग्रह किया कि एक वैध और मान्य किट के साथ परीक्षण किया जाए।"
उन्होंने मौजूदा भाजपा सरकार और भारतीय कुश्ती महासंध पर निशाना साधते हुए अपने पोस्ट में कहा, "भाजपा सरकार और फेडरेशन ने मुझे फंसाने और मेरे करियर को खत्म करने के लिए यह चाल चली है। यह फैसला निष्पक्ष नहीं है, बल्कि मेरे और मेरे जैसे अन्य खिलाड़ियों को चुप कराने की कोशिश है।"
क्या है पूरा मामला।
दरअसल, भारतीय कुश्ती चैंपियन बजगंग पुनिया ने नेशनल टीम के सिलेक्शन ट्रायल के दौरान 10 मार्च को अपना डोप सैंपल से इंकार कर दिया था। जिसकी वजह से नाडा ने 23 अप्रैल को उनपर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके अलावा विश्व शासी निकाय (WWU) ने भी उनपर बैन लगा दिया था। जिसकी वजह से वह किसी प्रतिस्पर्धी मुकाबले में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। इसके बाद बजरंग ने उनपर लगाए बैन के खिलाफ विरोध किया जिसके बाद 31 मई को उनपर से बैन हटा दिया गया था।
इस पूरे मामले के बाद नाडा ने पहलवान को 23 जून को एक नोटिस दिया, जिसका उन्होंने 11 जुलाई को विरोध करते हुए केस दायर की थी। इसके बाद बीते 20 सितंबर और 4 अक्टूबर को सुनवाई हुई। जिसमें बजरंग को दोषी पाया गया और उनपर 4 सालों तक प्रतिस्पर्धी मुकाबले और विदेश में कोचिंग देने पर से बैन लगा दिया गया (अगर उनकी इच्छा हो)।