UP Assembly By-election 2024: कांग्रेस के साथ शीट शेयरिंग पर सहमति न बन पाने के बीच अखिलेश यादव का बड़ा दावा, बोले - ' सभी 9 सीटों पर सपा के सिंबल पर लड़ेंगे इंडी गठबंधन के उम्मीदवार
- कांग्रेस और सपा के बीच सीट बंटवारे पर नहीं बन पा रही सहमति
- अखिलेश यादव का दावा सपा के सिंबल पर लड़ा जाएगा चुनाव
- कांग्रेस को मन के मुताबिक नहीं मिल रही थीं सीट
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर सपा-कांग्रेस में शीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बन पा रही है। कहा यहां तक जा रहा कि मन माफिक सीटें न मिलने की वजह से कांग्रेस ने चुनाव लड़ने से इनकार तक कर दिया है। इस बीच बुधवार देर रात अखिलेश यादव ने उपचुनाव को लेकर बडा दावा किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि सभी 9 सीटों पर इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार समाजवादी पार्टी के सिंबल 'साइकिल' पर चुनाव लड़ेंगे।
'बात सीट की नहीं जीत की है'
अखिलेश यादव ने अपनी पोस्ट में कहा, '‘बात सीट की नहीं जीत की है’ इस रणनीति के तहत ‘इंडिया गठबंधन’ के संयुक्त प्रत्याशी सभी 9 सीटों पर समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ के निशान पर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक बड़ी जीत के लिए एकजुट होकर, कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी है। इंडिया गठबंधन इस उपचुनाव में, जीत का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं के साथ आने से समाजवादी पार्टी की शक्ति कई गुना बढ़ गयी है। इस अभूतपूर्व सहयोग और समर्थन से सभी 9 विधानसभा सीटों पर ‘इंडिया गठबंधन’ का एक-एक कार्यकर्ता जीत का संकल्प लेकर नयी ऊर्जा से भर गया है।'
उन्होंने अपने पोस्ट में आगे कहा, 'ये देश का संविधान, सौहार्द और PDA का मान-सम्मान बचाने का चुनाव है। इसीलिए हमारी सबसे अपील है : 'एक भी वोट न घटने पाए, एक भी वोट न बँटने पाए। देशहित में ‘इंडिया गठबंधन’ की सद्भाव भरी ये एकता और एकजुटता आज भी नया इतिहास लिखेगी और कल भी।'
कांग्रेस का फेस सेविंग फॉर्मूला
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इच्छा के मुताबिक सीट न मिलने से कांग्रेस पार्टी ने उपचुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। दरअसल, पार्टी हारी हुई सीट पर दांव नहीं लगाना चाहती थी। अखिलेश यादव ने 9 में से जो दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ी थीं, उन पर पार्टी का जीतना लगभग असंभव था। ये दो सीटें हैं गाजियाबाद और खैर जो कि बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाती हैं और पिछले कई चुनाव से सत्ताधारी दल यहां से जीतते आया है।
जानकारी के मुताबिक चुनाव न लड़ना कांग्रेस का एक फेस सेविंग फॉर्मूला है जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे। मतलब न चुनाव लड़ेंगे, न ही हार होगी और महत्ता भी बनी रहेगी। कांग्रेस इन दोनों सीटों से लड़ने की जगह उन्हें सपा के लिए छोड़ना ही अपने लिए बेहतर समझा।