मंदिर प्रसाद पवित्रता और आरोप: दिल्ली पहुंचा आंध्रप्रदेश तिरुपति मंदिर का लड्डू विवाद, सरकार सख्त, सीबीआई जांच की मांग

  • वाईएसआर सरकार ने तिरुमला की पवित्रता को अपवित्र किया-नायडू
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने रिपोर्ट मिलने पर उचित कार्रवाई करने की बात कही
  • कांग्रेस ने तत्काल सीबीआई जांच कराने की मांग की

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-20 12:29 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्रप्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में मिलने वाले लड्डू इस समय राजनेताओं के मुंह से निकलकर बयानबाजी जंग में कूद गया है। वैसे भी सियासत की लड़ाई में कहा जाता है कि मुद्दा जितना पुराना होता है पॉलिटिक्स भी उतनी ही बड़ी होती है।  हालांकि आपको बता दें मंदिर में मिलने वाले प्रसाद में केवल लड्डू नहीं होता। लेकिन सियासत चीज ही ऐसी है जो हर किसी को मुद्दा बना देती है। इसमें कोई जांच रिपोर्ट का सहारा लेता तो कोई सियासत में धार्मिक आस्था का। लड़्डू का स्वाद ही ऐसा है कि नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है। यहीं वजह है कि आंध्रप्रदेश से निकलकर लड्डू विवाद अब दिल्ली जा पहुंचा है। हालांकि ये कोई पहला मौका नहीं है जब लड्डू विवादों में आया है। इससे पहले भी यह विवादों में आया। भास्कर हिंदी किस रिपोर्ट और किस लड़्डू पर विवाद बढ़ा इसका दावा नहीं करती।

आंध्र प्रदेश के सेशाचालम पर्वत स्थित तिरुमला मंदिर

आपको बता दें सेशाचालम पर्वत पर स्थित तिरुमला तिरुपति देवस्थान दुनिया के सबसे अमीर तीर्थस्थलों में गिना जाता है। इस समय तिरुमला मंदिर लड्डू विवादों के चलते सुर्खियों में है। मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों के मुताबिक लड्डू, वडा, अप्पम, मनोहरम और जलेबी जैसे प्रसाद श्रद्धालुओं को दिया जाता है। मौजूदा दौर में जो लड्डू चर्चा में हैं, उसे मंदिर के गुप्त रसोईघर में बनाया जाता है। ये रसोईघर पोटू कहलाती है। लड्डू सबसे पुराना और लोकप्रिय प्रसाद है। तिरुपति के लड्डू को साल 2009 में जियोग्राफिकल इंडिकेटर जीआई टैग मिला हुआ है।लड्डू को चने के बेसन, मक्खन, चीनी, काजू, किशमिश और इलायची से बनाया जाता है। कहा जाता है कि इस लड्डू को बनाने का तरीक़ा 300 साल पुराना है। 

 लड्डू विवाद

खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक लड्डू पाने के लिए सितंबर 2024 की शुरुआत में टोकन दिखाने की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक श्रद्धालु को एक लड्डू फ्री में मिलता है। अगर आपको एक लड्डू और लेना है तो 50 रूपए देने होंगे। 2008 तक ये 25 रूपए में मिलता है। 2023 में इन लड्डुओं को ब्राह्मणों से बनवाए जाने के आदेश को लेकर खूब विवाद हुआ था। 

आपको बता दें अब आंध्र प्रदेश के मशहूर तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलने वाले लड्डू को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने  पिछली सरकार के कार्यकाल में प्रसाद में मिलने  लड्डू को बनाने में घी के बजाय जानवरों की चर्बी को यूज किया जाता है। नायडू ने कहा तिरुमला लड्डू को इस तरह अपवित्र किया जाएगा ये कोई सोच नहीं सकता। पिछले पाँच सालों में वाईएसआर ने तिरुमला की पवित्रता को अपवित्र किया है। आपको बता दें आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में जाने वाले हर श्रद्धालु को प्रसाद में लड्डू दिया जाता है। सीएम नायडू के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने आरोपों को खारिज करते हुए विरोध जताया।

आंध्र प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने लिखा है कि 'तिरुपति बालाजी के प्रसाद में जानवर की चर्बी (मछली का तेल, पोर्क और बीफ़ फ़ैट) मिले होने की पुष्टि से हम सभी बहुत परेशान हैं। तत्कालीन वाईसीपी सरकार की ओर से गठित टीटीडी बोर्ड को कई सवालों के जवाब देने होंगे।

एक तरफ रिपोर्ट के हवाले से बीजेपी और टीडीपी नेता आरोपों को सही ठहरा रहे है। तेलगू देश पार्टी और सीएम नायडू गुजरात के नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) की रिपोर्ट के हवाले से लड्डू में चर्बी होने की बात कह रहे है। हालांकि बीबीसी ने बोर्ड के अधिकारी के हवाले से लिखा है कि जिस रिपोर्ट का साझा किया है, उसमें इस बात को नहीं बताया गया कि सैंपल का लड्डू तिरुपति मंदिर का है।

बीजेपी अध्यक्ष व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने रिपोर्ट के मिलने पर उचित कार्रवाई करने की बात कही है। दूसरी तरफ आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शर्मिला रेड्डी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है।  

नायडू के आरोपों पर मंदिर के ट्रस्ट तिरुमला तिरुपति देवस्थानम और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी व उनकी पार्टी ने प्रतिक्रिया देते हुए आरोपों को खारिज किया है। ट्रस्ट के चैयरमेन रहे वाई वी सुब्बारेड्डी का कहना है कि नायडू ने तिरुमला मंदिर की पवित्रता को नुकसान पहुंचाकर और करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाकर पाप किया है। कोई भी व्यक्ति ऐसे आरोप नहीं लगा सकता। सुब्बारेड्डी ने मैं और मेरा परिवार ईश्वर की कसम खाने के लिए तैयार हैं। क्या चंद्रबाबू नायडू अपने परिवार के साथ कसम खाकर ये बात कहेंगे? उन्होंने आगे कहा लोगों को गुमराह करने के लिए ये आरोप लगाए जा रहे है। टीटीडी ने सीएम नायडू के बयान की आलोचना की है और इसे टीटीडी कर्मचारियों का अपमान बताया है।

बीबीसी के मुताबिक ट्रस्ट से जुड़े लेबर यूनियन के कंदारपु मुरली ने कहा टीटीडी में पारदर्शी प्रक्रिया है। टीटीडी के अंदर ही लैब है, जहाँ प्रसाद में डलने वाली चीज़ों की जांच की जा सकती है। जांच परख के बाद ही प्रसाद का इस्तेमाल होता है। टीटीडी को जो प्रसाद मिलता है, वो प्रतिदिन प्रमाणित होने के बाद ही दिया जाता है।

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