शीतकालीन सत्र: संसद के शीतकालीन सत्र में इंडिया ब्लाॉक में दो फाड़, विपक्षी बैठक से टीएमसी ने बनाई दूरी!
- 20 दिसंबर तक चलेगा शीतकालीन सत्र
- बंगाल के मुद्दों को प्राथमिकता देना चाहती है टीएमसी
- इंडिया ब्लाॉक में मुद्दों को लेकर दो फाड़
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में दरार नजर आ रही है। संसद के शीतकालीन सत्र में इंडिया ब्लाॉक कुछ मुद्दों को लेकर दो फाड़ होती हुई दिखाई दे रही है। आप इसे इस बात से समझ सकते है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों के सांसदों की बैठक बुलाई। इस बैठक में कई विपक्षी दल पहुंचे लेकिन तृणमूल कांग्रेस का एक भी सांसद मीटिंग में नहीं पहुंचा।
आपको बता दें कांग्रेस अडानी पर लगे आरोपों पर चर्चा करने के लिए सदन से अपील कर रही है। जिसके लिए सदन के अन्य कामकाज स्थगित कर दिए जाएं। आज सुबह भी सोमवार 2 दिसंबर को जब सदन की कार्यवाही शुरु हुई तब कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने अडानी केस पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।
टीएमसी ने बैठक से बनाई दूरी के पीछे की मुख्य वजह सदन में सिर्फ अड़ानी मुद्दे को उठाना बताया है। टीएमसी का कहना है कि कांग्रेस को केवल एक ही मुद्दा दिखता है, टीएमसी का कहना है उन सभी मुद्दों को सदन में अनिवार्य है जो देश और समाज के विकास के लिए जरूरी है। टीएमसी सदन में बंगाल के मुद्दों को प्राथमिकता देना चाहती है, टीएमसी का कहना है कि सदन के भीतर अडानी मुद्दे पर नारेबाजी और बवाल कर सदन की कार्यवाही में बाधा पैदा करने के लिए कांग्रेस का साथ नहीं देगे।
टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने अपने एक बयान में स्पष्ट तौर पर कहा है कि टीएमसी शीतकालीन सत्र में बंगाल के मुद्दों को प्राथमिकता देना चाहती है। बनर्जी का कहना है कि केंद्र सरकार ने बंगाल का बकाया रोक दिया है। बनर्जी ने कहा है कि बंगाल के मुद्दों पर कांग्रेस का क्या रवैया है, यह उसकों स्पष्ट कर देना चाहिए।