आंध्र प्रदेश में वक्फ बोर्ड भंग: आखिर चंद्रबाबू नायडू सरकार ने क्यों लिया ये फैसला? सामने आया कारण
- आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने वक्फ बोर्ड को भंग किया
- अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के आदेश को किया रद्द
- नए सिरे से किया जाएगा वक्फ बोर्ड का गठन
डिजिटल डेस्क, अमरावती। देश में वक्फ को लेकर सियासत गरमाई हुई है। इस बीच आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने वक्फ बोर्ड को भंग कर करने का आदेश जारी किया। 30 नवंबर को जारी इस आदेश में वर्तमान सरकार ने पिछली जगन सरकार के दौरान जारी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के आदेश को रद्द कर दिया। राज्य सरकार ने इसकी वजह भी बताई है। सरकार का कहना है कि वक्फ बोर्ड मार्च 2023 से ही निष्क्रिय बना हुआ है, जिसके कारण प्रशासनिक गतिरोध की स्थिति बनी हुई है।
आदेश में कहा गया कि 'आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के चुनाव पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। उसी समय राज्य वक्फ बोर्ड के गठन के 2023 के सरकारी आदेश की संवैधानिकता को चुनौती देने वाले पेंडिंग केस के कारण एक प्रशासनिक शून्यता पैदा हो गई थी। अब राज्य में नए सिरे से वक्फ बोर्ड का गठन किया जाएगा।'
अपने फैक्ट चेक एक्स पेज पर आंध्र प्रदेश सरकार ने पोस्ट करते हुए कहा, 'आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड मार्च 2023 से ही निष्क्रिय बना हुआ है, जिसके कारण प्रशासनिक गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। कई महत्वपूर्ण चिंताओं के कारण G.O.Ms.No.47 को वापस लेना अनिवार्य हो गया था। इनमें इसकी वैधता को चुनौती देने वाली 13 रिट याचिकाएं, सुन्नी और शिया विद्वानों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व न होना, पूर्व सांसदों को शामिल न करना, पारदर्शी मानदंडों के बिना जूनियर अधिवक्ताओं की नियुक्ति, कुछ सदस्यों की पात्रता को लेकर सवाल और चल रहे मुकदमे के कारण अध्यक्ष का चुनाव करने में असमर्थता शामिल हैं।' फैक्ट चेक एक्स पेज पर आगे लिखा गया कि जी.ओ.पी. इन दोषों को दूर करने के लिए सही उपाय करेगा और जल्द से जल्द एक नए वक्फ बोर्ड का गठन करेगा।
अध्यक्ष के चुनाव पर लगाई थी रोक
तत्कालीन वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 11 सदस्यीय वक्फ बोर्ड का गठन किया था। इनमें से तीन निर्वाचित सदस्य थे, जबकि बाकी मनोनीत थे। वक्फ बोर्ड के गठन की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली एक याचिका पर आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने 1 नवंबर, 2023 को राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के चुनाव पर रोक लगा दी थी।