संसद बजट सत्र: पीएम मोदी के ओबीसी वाले बयान पर राहुल गांधी का पलटवार, बोले - 'छोटे-बड़े की मानसिकता में बदलाव जरूरी'
- पीएम मोदी ने जाति जनगणना की मांग को लेकर विपक्ष पर साधा निशाना
- राहुल गांधी ने किया पलटवार
- मानसिकता में बदलाव जरुरी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति की स्पीच पर धन्यवाद प्रस्ताव का जबाव दिया। इस दौरान उन्होंने परिवारवाद और जातीय जनगणना की मांग को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस औऱ यूपीए सरकार ने कभी ओबीसी के साथ न्याय नहीं किया। उनका हमेंशा अपमान किया है। पीएम मोदी के इस बयान पर अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रतिक्रिया सामने आई है।
छोटे-बड़े की मानसिकता को बदलना जरूरी
राहुल गांधी ने इस मामले पर अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, "प्रधानमंत्री इस बीच अक्सर कह रहे थे देश में सिर्फ दो जातियां हैं - अमीर और गरीब, मगर आज संसद में उन्होंने खुद को सबसे बड़ा ओबीसी बताया। किसी को छोटा और किसी को बड़ा समझने की इस मानसिकता को बदलना जरूरी है।" कांग्रेस सांसद ने आगे कहा, "ओबीसी हों, दलित हों या आदिवासी, बिना गिनती के उन्हें आर्थिक और सामाजिक न्याय नहीं दिलाया जा सकता। मोदी जी इधर-उधर की इतनी बातें करते हैं, तो गिनती से क्यों डरते हैं?"
बता दें कि कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष लंबे समय से ओबीसी को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है। बीते दिनों राहुल गांधी ने संसद में मोदी सरकार में ओबीसी अधिकारियों की संख्या को लेकर सवाल पूछा था। इसी को लेकर पीएम मोदी ने सोमवार को संसद में जबाव दिया था। उन्होंने कहा था, "कांग्रेस औऱ यूपीए सरकार ने कभी भी ओबीसी के साथ न्याय नहीं किया। इन लोगों ने ओबीसी नेताओं का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कुछ दिन पहले ही कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 1970 में जब वे बिहार के मुख्यमंत्री बने तो उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए क्या-क्या नहीं किया ।"
उन्होंने आगे कहा, "कांग्रेस को अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग बर्दाश्त नहीं होते। कांग्रेस के कई साथियों को इस बात की भी चिंता है कि सरकार में कितने ओबीसी लोग हैं, वो लोग तो गिनती करते रहते हैं कि सरकार में कितने ओबीसी हैं लेकिन मैं तो हैरान हूं कि उनको इतना बड़ा ओबीसी नजर ही नहीं आता?"