कांग्रेस के नए अध्यक्ष क्या पार्टी को मजबूत करने में हो पाएंगे कामयाब? 24 साल बाद पार्टी को गैर गांधी परिवार से मिलेगा अध्यक्ष  

कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव-2022 कांग्रेस के नए अध्यक्ष क्या पार्टी को मजबूत करने में हो पाएंगे कामयाब? 24 साल बाद पार्टी को गैर गांधी परिवार से मिलेगा अध्यक्ष  

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-18 13:03 GMT
कांग्रेस के नए अध्यक्ष क्या पार्टी को मजबूत करने में हो पाएंगे कामयाब? 24 साल बाद पार्टी को गैर गांधी परिवार से मिलेगा अध्यक्ष  

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव संपन्न हो गए हैं। बुधवार 19 अक्टूबर को मतगणना के बाद पार्टी को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। 24 सालों के बाद कांग्रेस पार्टी में कोई गैर गांधी परिवार से अध्यक्ष होगा। ऐसे में सवाल ये है कि नए पार्टी अध्यक्ष को मिलने वाली चुनौतियों से वे किस तरह से निपटेगें और क्या वे कांग्रेस पार्टी को मजबूत स्थिति में ले जाने में सफल हो पाएंगे।

गौरतलब है कि पार्टी के 137 साल के इतिहास में अभी तक 6 बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो चुके हैं। इस बार के चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच सीधा मुकाबला था। माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान का मल्लिकार्जुन खड़गे को समर्थन प्राप्त है, इसलिए उनकी जीत को लगभग तय माना जा रहा है। कांग्रेस की बहुत सी राज्य समितियों में जारी प्रस्ताव में खड़गे को समर्थन मिला है।

सोमवार को हुए चुनाव में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत करीब 9 हजार 5 सौ निर्वाचक मण्डल के सदस्यों ने मतदान किया था। कांग्रेस के दिल्ली स्थित मुख्यालय समेत 68 मतदान केंद्रों पर चुनावी प्रक्रिया संपन्न हुई थी। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश के मुताबिक अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस में अभी तक 1939, 1950, 1977, 1997 और वर्ष 2000 में चुनाव हुए हैं। इस बार का अध्यक्ष पद का चुनाव 22 वर्षों के बाद आयोजित किया गया था। साथ ही उन्होंने बताया कि इससे पहले सीताराम केसरी भी गैर- गांधी परिवार से अध्यक्ष रह चुके थे। 

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गांधी परिवार के सहयोग से करुंगा काम

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार रहे मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा था कि वह पार्टी के कार्यो में गांधी परिवार का सहयोग और परामर्श लेने में पीछे नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ने बहुत परिश्रम किया है पार्टी को आगे रखने में। वहीं दूसरी तरफ अध्यक्ष पद के चुनाव में खड़गे के प्रतिद्वंद्वी रहे शशि थरूर ने निर्वाचकों से "परिवर्तन अपनाने" को लेकर कहा जो भी परिवर्तन होगा। उससे पार्टी के मूल्य विशेषताओं में कोई अंतर नहीं आएगा बल्कि पार्टी के उद्देश्यों को कैसे प्राप्त करना है, इससे जुड़ी रणनीति में जरूर बदलाव हो सकता है।
 

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