Resignation: कृषि अध्यादेश को लेकर NDA में फूट, विरोध में हरसिमरत कौर का कैबिनेट से इस्तीफा
Resignation: कृषि अध्यादेश को लेकर NDA में फूट, विरोध में हरसिमरत कौर का कैबिनेट से इस्तीफा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृषि से संबंधित अध्याधेश पर एनडीए में फूट पड़ गई है। केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल अध्याधेश के विरोध में मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, शिरोमणि अकाली दल का सरकार को समर्थन जारी रहेगा। हरसिमरत कौर ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने का गर्व है।
I have resigned from Union Cabinet in protest against anti-farmer ordinances and legislation. Proud to stand with farmers as their daughter sister.
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) September 17, 2020
क्या कहा सुखबीर सिंह बादल ने?
वहीं सुखबीर सिंह बादल ने कहा, "शिरोमणि अकाली दल किसानों की पार्टी है और वह कृषि संबंधी इन विधेयकों का विरोध करती है।’ बादल ने कहा, इससे 20 लाख किसानों पर असर पड़ेगा। आजादी के बाद हर राज्य ने अपनी योजना बनाई। पंजाब की सरकार ने पिछले 50 साल खेती को लेकर कई काम किए। पंजाब में किसान खेती को अपना बच्चा समझता है। पंजाब अपना पानी देशवासी को कुर्बान कर देता है।
बादल ने निचले सदन में चर्चा के दौरान कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, शिरोमणि अकाली दल ने कभी भी यू-टर्न नहीं लिया। हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथी हैं। हमने सरकार को किसानों की भावना बताई, हमने इस विषय को हर मंच पर उठाया। हमने प्रयास किया कि किसानों की आशंकाएं दूर हों लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। पंजाब में लगातार सरकारों ने कृषि आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिये कठिन काम किया लेकिन यह अध्यादेश उनकी 50 साल की तपस्या को बर्बाद कर देगा।
बता दें कि कृषि क्षेत्र से जुड़े ये तीन बिल हैं- कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) बिल, आवश्यक वस्तु (संशोधन) बिल, मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता बिल। केंद्रीय कैबिनेट पहले ही इनसे जुड़े अध्यादेश पास कर चुकी है, जिन्हें अब संसद में बिल के रूप में पेश किया गया है। लोकसभा से मंगलवार को आवश्यक वस्तु से जुड़े संशोधन बिल पास हो गया है और आज गुरुवार अन्य दोनों अध्यादेशों को पास कर दिया गया।
इन बिलों के विरोध के पीछे दलील दी जा रही है इससे मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगा और निजी कारोबारियों या बाहरी कंपनियों की मनमानी बढ़ जाएगी। जबकि भाजपा का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत, स्वावलंबी भारत बनाने के लिए यह कानून बन रहा है जो ऐतिहासिक साबित होगा।