विशेष विमान से सूरत से गुवाहाटी शिफ्ट किए जा सकते हैं शिंदे के साथ मौजूद विधायक:सूत्र, यहां देखिए शिंदे के साथ मौजूद विधायकों की सूची, बागी विधायकों को लेने होटल पहुंची बसें
महाराष्ट्र सरकार संकट लाइव अपडेट विशेष विमान से सूरत से गुवाहाटी शिफ्ट किए जा सकते हैं शिंदे के साथ मौजूद विधायक:सूत्र, यहां देखिए शिंदे के साथ मौजूद विधायकों की सूची, बागी विधायकों को लेने होटल पहुंची बसें
- संकट में ठाकरे
डिजिटल डेस्क, मुंबई, आनंद जोनवार। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिंदे के साथ ली मेरिडियन होटल में मौजूद विधायकों को विशेष विमान से गुवाहाटी असम शिफ्ट किया जा सकता हैं। सूरत होटल में मौजूद विधायकों की सूची, बागी विधायकों को लेने पहुंची बसें
बीजेपी के विशेष विमान से असम जायेंगे सभी बागी विधायक:सूत्र#ShivsenaMLA #Shivsena #Maharashtra #MahaVikasAghadi @INCIndia @ShivSena
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एकनाथ शिंदे के साथ सूरत के मेरीडियन होटल में मौजूद विधायकों की सूची #ShivsenaMLA #Shivsena #MahaVikasAghadi #MaharashtraPoliticalCrisis @INCIndia @BJP4India @ShivSena pic.twitter.com/LoNdktPwqg
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बागी विधायकों को लेने के लिए सूरत के ली मेरिडियन होटल पहुंची तीन बसें@INCIndia @BJP4India #MahaVikasAghadi #MaharashtraPoliticalCrisis #ShivsenaMLA #Shivsena
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Three buses were brought to Surat"s Le Meridien hotel to shift rebel MLAs.
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सीएम उद्धव ठाकरे ने कल दोपहर 1 बजे बुलाई कैबिनेट बैठक,
महाराष्ट्र कांग्रेस ने कल सुबह अपने सभी विधायकों की बुलाई बैठक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ की निगरानी में होंगी ये बैठक
महाविकास अघाड़ी सरकार की बैठक खत्म, उद्धव के घर से सभी शिवसेना विधायक वर्ली के सेंट रेजिस होटल में शिफ्ट किए गए, सीएम ठाकरे ने कहा शिंदे सुनेंगे मेरी बात, जल्द साथ होंगे एकनाथ।
नाम न लिखने की शर्त पर कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का मानना है कि शिंदे की शर्त के सामने शिवसेना झुकी नजर आ रही हैं। शिवसेना को शिंदे की शर्त तो माननी पड़ेगी लेकिन वह सरकार बिगड़ने और बनने में नहीं , बल्कि आगामी महीने में हाेने वाले राष्ट्रपति चुनाव में। जैसा देखा जा रहा है कि अभी तक किसी वरिष्ठ बीजेपी नेता ने महाराष्ट्र सरकार में मचे घमासान को लेकर कोई बयान नहीं दिया हैं। भले ही भाजपा हाईकमान की दिल्ली में बैठक में हुई , खबरों में पहले ये माना जा रहा था कि बीजेपी की तरफ से कोई निर्णय लिया जा सकता है, लेकिन बीजेपी ने महाराष्ट्र संकट से इतर राष्ट्रपति कैंडिडेट का नाम घोषित कर दिया। ऐसे में ये अटकलें भी शुरू हो गई है कि शिंदे के जरिए बीजेपी राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना से विपक्ष में रहते हुए भी क्रॉस वोटिंग करवाकर बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष मे ंमतदान करें। इससे शिंदे की शर्त भी मन जाएगी और शिवसेना की सरकार भी बनी रहेगी।
अमृता फडणवीस ने उद्धव पर साधा निशाना, कहा एक था कपटी राजा
महाराष्ट्र सरकार के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है। पार्टी के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने साफ कह दिया है कि शिवसेना में वापस तभी लौटूंगा, जब शिवसेना भाजपा के साथ आएगी। सीएम उद्धव के सामने ये बड़ी चुनौती है। नगरीय विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के सामने शर्त रखकर उद्धव सराकार की मुश्किलों में इजाफा कर दिया है। पुरानी सहयोगी पार्टी रही बीजेपी और शिवसेना एक दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं।
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कुछ देर पहले महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे से फोन पर बात की है। खबर है कि दोनों के बीच बातचीत मिलिंद नार्वेकर ने करवाई है। इस बातचीत के दौरान एकनाथ शिंदे ने शर्त रखते हुए कहा कि बीजेपी के साथ आएं तभी पार्टी में वापस आऊंगा।
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग से शुरू हुई बागियों की कहानी एमएलसी चुनाव से होते हुए सूरत के होटल में बीजेपी के साथ आने और सरकार बनाने की शर्त पर आकर ठहर गई हैं। अब देखना है कि शिंदे की शर्त से शिवसेना के ठाकरे कैसे निपटेंगे। या शरद पवार की पॉवर पॉलिटिक्स के सहारे सियासी गद्दी पर जमे उद्धव बागी विधायकों को बनाने में सफल होते हैं या नहीं।
कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 2019 के अंत में जब महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार बनने जा रही थी, उस समय शिंदे की सोच मुख्यमंत्री बनने की थी,लेकिन कांग्रेस व एनसीपी ने शिंदे के सपनों पर पानी फेर दिया था, और दोनों ही सहयोगी दलों ने उद्धव ठाकरे के सीएम बनने पर समर्थन दिया था। इस बात से वरिष्ठ शिवसेना विधायक शिंदे का सीएम बनने का सपने टूट गया था। इस बात को हुए ढाई साल से अधिक का समय हो गया हैं। लेकिन सियासी माहौल को भांपते हुए शिंदे ने भले ही बागी बनने का हुनर दिखाया हो लेकिन उसमें वो सफल होते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। इसी के चलते उन्होंने शिवसेना में एक अनसुलझी शर्त रखी हैं।
महाराष्ट्र की सियासत में गरमी बढ़ती ही जा रही है। खबरों के मुताबिक, बागी विधायकों को मनाने के लिए खुद सूबे के सीएम उद्धव ठाकरे ने कमान संभाल ली है। जानकारी के मुताबिक, उद्धव ठाकरे ने बागी विधायक शिंदे से करीब 20 मिनट तक फोन पर बातचीत की है। अब देखना है कि सीएम उद्धव शिवसेना की डूबती नैया को कैसे पार लगाते हैं। अभी तक बागी विधायकों की संख्या पर भी सस्पेंस बना हुआ है। सियासी मैदान में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही है।
शिवसेना ने शाम होते ही शिवसेना भवन के सामने अपना शक्ति प्रदर्शन किया, जिसमें शिवसेना के 20 विधायकों के शिरकत होने की खबर आई, जबकि अन्य विधायक महाराष्ट्र के दूर इलाकों में होने के कारण शक्ति प्रदर्शन में पहुंचने में असफल रहे हैं। शिवसेना के शिंदे के साथ मौजूद विधायक को छोड़कर सभी विधायकों से संपर्क किया, वो सभी मुंबई पहुंच रहे है, खबरों के मुताबिक उनके अभी रास्ते में होने की खबर हैं। जबकि तकरीबन 11 विधायकों से संपर्क स्थापित नहीं हो सका।
एकनाथ शिंदे ने बयान देकर सियासी संकट पर विराम लगा दिया हैं। एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम बालासाहेब के सच्चे शिवसैनिक हैं। हम गद्दारी नहीं करेंगे।
शिंदे के इस बयान से सियासी गलियारों में ये अटकलें लगाई जा रही है कि शिंदे अपने कदम से बैकफुट में नजर आ रहे है, क्योंकि शिंदे के साथ गए विधायकों के उद्धव सरकार से चले जाने के बाद भी एमवीए सरकार पर कोई फर्क पड़ते हुए दिखाई नहीं दे रहा हैं। उद्दव सरकार के पास सदन में बहुमत बना रहेगा।
शिंदे के साथ 26 विधायक साथ हैं , जिनमें 15 शिवसेना विधायक बताए जा रहे हैं, शेष अन्य दलों के विधायक के साथ निर्दलीय विधायक बताए जा रहे हैं। ऐसे में दलबदल कानून के चलते शिवसेना के 15 विधायकों की विधायकी निरस्त हो सकती हैं। ऐसे में 288 में 15 सदस्य घटाकर 273 विधायक होेगे, इनमें से एक विधायक की सीट खाली हैं ,जिसके कारण विधानसभा सदन में 272 विधायक मत कर सकते हैं। और सत्ता के लिए 137 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। शिवसेना के पास अभी 169 विधायकों का समर्थन हासिल हैं, इनमें से सभी 26 विधायकों को हटा दिया जाए तो एमवीए सरकार के पास 143 विधायक शेष बचेंगे। ऐसे में शिवसेना अपना बुहमत नहीं खो पाएंगी। और वह सत्ता में बनी रहेगी। शिवसेना को प्राप्त बहुमत के आंकडें के आधार पर ये अनुमान लगाया जा सकता है कि शिवसेना नेतृत्व में उद्धव सरकार को कोई खतरा नहीं हैं। इसी के चलते शिवसेना ने विधायक दल के नेता पद से एकनाथ शिंदे को हटा दिया गया हैँ।
एमवीए सरकार को तब तक कोई खतरा नहीं हैं जब तक समर्थित दल कांग्रेस और एनसीपी के कुछ विधायक बीजेपी को सपोर्ट न कर दें। या फिर शिवसेना के दो तिहाई विधायक यानि 37 विधायक बीजेपी को समर्थित नहीं कर देते हैं।
आम्ही बाळासाहेबांचे कट्टर शिवसैनिक आहोत... बाळासाहेबांनी आम्हाला हिंदुत्वाची शिकवण दिली आहे.. बाळासाहेबांचे विचार आणि धर्मवीर आनंद दिघे साहेबांची शिकवण यांच्याबाबत आम्ही सत्तेसाठी कधीही प्रतारणा केली नाही आणि करणार नाही
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 21, 2022
महाराष्ट्र सियासी संकट को लेकर कांग्रेस ने कमलनाथ को जिम्मेदारी दी हैं।
शरद पवार महाराष्ट्र सरकार के संकट पर करीब दो बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इस पीसी के बाद ही पता चल जाएंगा कि एमवीए सरकार जाएंगी या बनी रहेगी। साथियों से मिलकर बात करेंगे। विधानपरिषद चुनाव में क्रॉस वोटिंग को लेकर बोले पवार क्रॉस वोटिंग होती रहती हैं। शिंदे की नई जिम्मेदारी को लेकर बोले पवार इसका फैसला सीएम उद्धव करेंगे।
महाराष्ट्र में सरकार बदलने की जरूरत नहीं हैं। पीसी में बोले शरद पवार, चलती रहेगी एमवीए सरकार
शिवसेना विधायक नितिन देशमुख की पत्नी प्राजंली नितिन देशमुख ने अपने विधायक पत्नी के गुमशुदगी होने की सूचना पुलिस को दी है।
नवनीत राणा ने कहा कि महाराश्ट्र सरकार पर जारी सियासी संकट जल्द से जल्द खत्म हो, इसने पूरे महाराष्ट्र का माहौल खराब किया हैं। इसे तुरंत खत्म होना चाहिए। नवनीत राणा ने कहा ढाई साल से महाराष्ट्र को डूबते हुए देख रहे हैं।
बीजेपी को सरकार बनाने के लिए 31 विधायकों की जरूरत हैं। 26 विधायकों के साथ अब बीजेपी को 5 और विधायक चाहिए।
महाराष्ट्र में कांग्रेस विधायक दल के नेता बाला साहब थोरात ने दिया इस्तीफा
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह के बीच 15 मिनट में खत्म हुई बैठक, इस मीटिंग को महाराष्ट्र सरकार में सेंध लगाने के नजरिए से देखा जा रहा हैं। उधर उद्धव ठाकरे डैमेज कंट्रोल को भरने में जुटे हैं। और सूरत में जमें शिंदे के साथ बात करने की कोशिश कर रहे हैं। विधायकों की खेमेबंदी के बीच एनसीपी में भी हलचल देखने को मिल रही हैं, इसी को लेकर शरद पवार के दिल्ली आवास पर प्रफुल्ल पटेल ने की मुलाकात।
महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर संकट मड़राता नजर आ रहा हैं ,खबरों के मुताबिक शिवसेना के नेता शिंदे 25 विधायकों को साथ लेकर गुजरात में डटे हुए हैं। सभी विधायक सूरत के ली मेरिडियन होटल में रुके हैं। शिंदे सीएम का फोन भी नहीं उठा रहे हैं। इन विधायकों में 15 विधायक शिवसेना के शामिल हैं। विधायकों की तरफ से दोपहर 2 बजे होटल से ही प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा सकती हैं। इन सभी विधायकों को सूरत लाने के पीछे बीजेपी के दो दिग्गज नेताओं का हाथ बताया जा रहा है। होटल के बाहर गुजरात पुलिस ने कड़ी सुरक्षा कर दी है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा एमवीए सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है, बीजेपी याद रखें, महाराष्ट्र राजस्थान या मप्र नहीं है। हमारे विधायकों को गुजरात के सूरत में कैद कर रखा गया है। उन्हें वापस नहीं आने दिया जा रहा।
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विश्वास है विधायक लौट आएंगे और सब ठीक हो जाएगा।@BJP4India
कांग्रेस नेताओं ने मुंबई में बालासाहेब थोराट के आधिकारिक आवास पर मुलाकात की; इस दौरान कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण भी मौजूद रहे
महाराष्ट्र: कांग्रेस नेताओं ने मुंबई में बालासाहेब थोराट के आधिकारिक आवास पर मुलाकात की; इस दौरान कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण भी मौजूद रहे। pic.twitter.com/2S0DxqIvvC
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महाराष्ट्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल ने मीडिया को बताया कि राजनीतिक घटनाक्रम पर हम बारीकी से ध्यान बनाए हुए हैं। इससे कुछ परिवर्तन होगा ये कहना थोड़ा असामयिक होगा, उन्होंने आगे कहा कि संजय राउत के भड़काऊ भाषणों से ही उनकी पार्टी में समस्या हुई है। लोग इसको बर्दाश्त नहीं करेंगे इसका उदाहरण एकनाथ शिंदे की बगावत है
राजनीतिक घटनाक्रम पर हम बारीकी से ध्यान बनाए हुए हैं। इससे कुछ परिवर्तन होगा ये कहना थोड़ा असामयिक होगा: चंद्रकांत दादा पाटिल, महाराष्ट्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष pic.twitter.com/12dcKDO3mM
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संजय राउत के भड़काऊ भाषणों से ही उनकी पार्टी में समस्या हुई है। लोग इसको बर्दाश्त नहीं करेंगे इसका उदाहरण एकनाथ शिंदे की बगावत है: चंद्रकांत दादा पाटिल, महाराष्ट्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
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विधायकों के गुजरात चले जाने के बाद महाराष्ट्र में नेताओं के बीच बैठक की मैराथन दौड़ शुरू हो गई हैं। एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल उद्धव से मिले , संजय राउत ने अपना दिल्ली का दौरा रद्द कर दिया हैं। राउत आज राष्ट्रपति कैंडिडेट को लेकर शरद पवार के दिल्ली स्थित आवास पर बैठक में शामिल होने वाले थे।
शिवसेना के कुछ विधायक और एकनाथ शिंदे से फिलहाल संपर्क नहीं हो पा रहा है। महाविकास अघाड़ी की सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है लेकिन BJP को यह याद रखना होगा कि महाराष्ट्र राजस्थान या मध्य प्रदेश से बहुत अलग है: शिवसेना के नेता संजय राउत pic.twitter.com/k3xuyvaqjo
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अगर इन विधायकों ने पाला बदला तो महाराष्ट्र अघाड़ी सरकार में फूट पड़ेगी और उद्धव ठाकरे की सरकार गद्दी से फिसल सकती हैं। क्योंकि उद्धव सरकार के पास 153 विधायकों का समर्थन है। सरकार बनाने के लिए 144 विधायक चाहिए, क्योंकि 1 सीट अभी खाली है। अगर, शिवसेना में फूट होती है, तो कांग्रेस के भी कुछ विधायक पाला बदल सकते हैं। नवंबर 2019 में शिवसेना के उद्धव ठाकरे , कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे
गुजरात गए विधायकों में शहाजी बापू पाटील, महेश शिंदे, भरत गोगावले, महेंद्र दळवी, महेश थोरवे, विश्वनाथ भोईर, संजय राठौड, संदीपान भुमरे, उदयसिंह राजपूत, संजय शिरसाठ, रमेश बोरणारे, प्रदीप जैस्वाल, अब्दुल सत्तार और तानाजी सावंत शामिल हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी की मुताबिक महाराष्ट्र सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे 25 विधायकों को लेकर गुजरात गए हैं, बताया जा रहा है कि इनमें 15 शिवसेना विधायकों के साथ, कई दलों के साथ निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं, इन सब की संख्या 10 बतायी जा रही हैं। बताया जा रहा है शिंदे ने ये कदम तब उठाया है जब वो अपनी सरकार में लगातार उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। हालांकि शिवसेना नेता संजय राउत ने शिंदे से संपर्क होने का दावा किया हैं।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कुछ विधायकों को गुमराह किया गया है, जिन्हें सूरत में ठहराया गया हैं, सभी विधायकों को वापस नहीं आने दिया जा रहा हैं, विधायक शिवसेना के सच्चे सिपाही हैं, वो शिवसेना के हर संघर्ष में साथ हैं।
मैंने सुना है कि हमारे विधायक गुजरात राज्य के सूरत में हैं और उन्हें जाने नहीं दिया जा रहा है लेकिन, वे निश्चित रूप से लौटेंगे क्योंकि ये सभी शिवसेना को समर्पित हैं। मुझे विश्वास है कि हमारे सभी विधायक लौट आएंगे और सब ठीक हो जाएगा: शिवसेना के नेता संजय राउत
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नाराज शिंदे और वजह
एमवीए सरकार में शामिल मंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना का दिग्गज नेता माना जाता हैं, उनकी गिनती शिवसेना के शुरूआती नेताओं में होती हैं। 2019 के चुनावी नतीजों के बाद शिंदे को शिवसेना ने विधायक दल नेता चुना गया। ठाणे इलाके से नाता रखने वाले शिंदे को बाला साहब ठाकरे के बेहद खास नेताओं में माना जाता था। महाराष्ट्र में कुछ दिन पहले हुए राज्यसभा और विधान परिषद के चुनाव में शिवसेना ने शिंदे को नजरअंदाज किया गया गया , बताया जा रहा है कि इसी से नाराज होकर शिंदे ने ये कदम उठाया हैं। विधानपरिषद के चुनावों मे एमवीए सरकार के कई विधायकों ने क्रॉस मतदान किया, जिससे बीजेपी को 5 सीटों पर जीत हासिल हुई , जबकि शिवसेना और एनसीपी को दो दो सीटों पर विजय मिली। क्रॉस वोटिंग के बाद से ही पार्टियों के भीतर नेताओं की नाराजगी और सियासी फेरबदल की सुगबुगाहट तेज हो गई थी।