भर्ती घोटाला: 10 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में माणिक भट्टाचार्य
पश्चिम बंगाल भर्ती घोटाला: 10 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में माणिक भट्टाचार्य
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। कोलकाता में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में 10 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
शुक्रवार को, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील फिरोज एडुल्जी ने अपने तर्क के दौरान एक गंभीर आरोप लगाया कि कैसे माणिक भट्टाचार्य ने 2.97 करोड़ रुपये की जमा राशि के साथ बैंक खाते को जारी रखने के लिए केवाईसी दस्तावेजों के रूप में एक मृत व्यक्ति के पहचान प्रमाण का उपयोग किया, बैंक खाते में भट्टाचार्य की पत्नी सतरूपा भट्टाचार्य मृत व्यक्ति मृत्युंजय चक्रवर्ती के साथ संयुक्त रूप शामिल थीं।
एडुल्जी ने बताया कि मृत्युंजय चक्रवर्ती की मृत्यु 30 जनवरी 2016 को हुई थी और 7 मार्च 2019 को- उनके निधन के तीन साल से अधिक समय बाद, उनके पहचान प्रमाण केवाईसी या उसी बैंक खाते को जारी रखने के रूप में प्रस्तुत किए गए थे। ईडी के वकील ने तर्क दिया, यह ताजा केवाईसी दस्तावेज सतरूपा भट्टाचार्य द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जो साबित करता है कि माणिक भट्टाचार्य ने अपनी पत्नी को अपनी भ्रष्ट गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ढाल के रूप में इस्तेमाल किया।
माणिक भट्टाचार्य के वकील ने स्वास्थ्य और उम्र के आधार पर जमानत याचिका दायर की और दावा किया कि उनकी उम्र और खराब स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें किसी भी हालत में जमानत दी जानी चाहिए। उनके वकील ने यह भी तर्क दिया कि उनके मुवक्किल शुरू से ही केंद्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहे थे और आने वाले दिनों में भी ऐसा करना जारी रखेंगे।
उन्होंने दावा किया कि मृत्युंजय चक्रवर्ती उनके पिता की ओर से सतरूपा भट्टाचार्य से संबंधित थे और विशेष संयुक्त खाता 1981 से उनके पास था। ईडी के वकील ने आगे तर्क दिया कि पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ उठाई गई भ्रष्टाचार की शिकायतों से अच्छी तरह वाकिफ थे, लेकिन उन्होंने चुप रहना पसंद किया। ईडी के वकील ने पूछा- शिक्षकों की भर्ती में इस तरह के भ्रष्टाचार के कारण लगभग दो पीढ़ियों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा। राज्य का भविष्य क्या होगा?
आखिरकार दोनों पक्षों को सुनने के बाद पीएमएलए की विशेष अदालत ने माणिक भट्टाचार्य को 10 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
(आईएएनएस)
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