Nagpur News: केदार इफेक्ट गायब, इस विधानसभा चुनाव में राकांपा शरद गुट को करारी मात
- केदार इफेक्ट बेअसर
- देशमुख को झटका
Nagpur News : रघुनाथसिंह लोधी। महायुति की एकतरफा जीत ने राज्य में महाविकास आघाड़ी को पराजित कर दिया, लेकिन नागपुर जिले में कांग्रेस 3 सीट पर कायम रही। हालांकि जिले में केदार इफेक्ट पूरी तरह से गायब हो गया। सीट को लेकर कोई समझौता नहीं करनेवाले राकांपा शरद गुट को करारी मात मिली। जिले में 12 सीटों में से महायुति में भाजपा ने 11 व शिवसेना शिंदे गुट के 1 सीट पर उम्मीदवार उतारे। आघाड़ी में कांग्रेस के 8 , राकांपा शरद पवार गुट 3 व शिवसेना उद्धव गुट के 1 उम्मीदवार थे। भाजपा ने 8 सीटें जीती इनमें शहर में 4 व ग्रामीण क्षेत्र में 4 सीट शामिल है। शिवसेना शिंदे गुट ने 1 सीट जीत ली है। 2019 में उत्तर नागपुर, पश्चिम नागपुर व उमरेड सीट पर कांग्रेस जीती थी। इन सीटों पर कांग्रेस की सीट कायम है, लेकिन सावनेर सीट को कांग्रेस ने गंवा दिया है। राकांपा शरद गुट ने पूर्व नागपुर, हिंगना व काटोल में उम्मीदवार उतारे। तीनों पर वह पराजित हुई है। शिवसेना उद्धव गुट का एकमात्र उम्मीदवार रामटेक में अपनी जमानत भी नहीं बचा पाया है।
केदार इफेक्ट बेअसर
जिले की राजनीति में कांग्रेस भाजपा को चुनौती देती रही है। इसके लिए केदार इफेक्ट को प्रभावशाली माना जाता रहा है। कहा जाता रहा है कि पूर्व मंत्री सुनील केदार चुनाव परिणाम को प्रभावित करने का दम रखते हैं। लेकिन इस बार उनका कहीं भी असर नहीं दिखा। सावनेर में उनकी पत्नी कांग्रेस उम्मीदवार अनुजा केदार को भाजपा उम्मीदवार आशीष देशमुख ने पराजित कर दिया है। उत्तर नागपुर में कांग्रेस उम्मीदवार नितीन राऊत और पश्चिम नागपुर में कांग्रेस उम्मीदवार विकास ठाकरे की जीत को केदार इफेक्ट का हिस्सा नहीं माना जा सकता है। पिछले कुछ समय से कांग्रेस में राऊत और ठाकरे, सुनील केदार के स्पर्धक नजर आते रहे हैं। उमरेड में कांग्रेस उम्मीदवार संजय मेश्राम की जीत काे उनकी व्यक्तिगत राजनीति व छवि की जीत माना जा रहा है। केदार ने रामटेक में निर्दलीय राजेंद्र मुलक के लिए आघाड़ी से बगावत की थी, लेकिन मुलक भी जीत नहीं पाये हैं।
देशमुख को झटका
राकांपा शरद गुट में अनिल देशमुख नागपुर ही नहीं, विदर्भ के लिए पार्टी का एकमात्र बड़ा चेहरा है। 2014 के चुनाव को छोड़ दिया जाए तो 1995 से अनिल देशमुख काटोल में जीतते रहे हैं। इस बार काटोल में उनके पुत्र सलिल देशमुख को उम्मीदवारी दी गई। लेकिन भाजपा के चरणसिंह ठाकुर ने उन्हें पराजित कर दिया है। हिंगना में राकांपा शरद गुट के उम्मीदवार व पूर्व मंत्री रमेश बंग को पराजित कर भाजपा के समीर मेघे ने जीत का रिकार्ड बनाया है। समीर मेघे लगातार तीसरी बार जीते हैं। पूर्व नागपुर में राकांपा शरद गुट के उम्मीदवार दुनेश्वर पेठे मतों के मामले में काफी पिछड़ गए हैं। भाजपा के कृष्णा खोपडे ने लगातार चौथी बार जीत के साथ ही अधिक मतों से जीत के अंतर का नया रिकार्ड बनाया है। कांग्रेस के लिए यह बात राहत देनेवाली हो सकती है कि उसने न केवल 3 सीट जीती, बल्कि दक्षिण नागपुर और मध्य नागपुर जैसी सीटों पर जीत के लिए काफी संघर्ष किया।
कांग्रेस प्रत्याशी पांडव ने की रिकाउंटिंग की मांग
दक्षिण नागपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से पराजित कांग्रेस के प्रत्याशी गिरीश पांडव ने मतगणना पर आपत्ति दर्ज कराई है। चुनाव निर्णय अधिकारी के पास लिखित शिकायत दर्ज कर वोटिंग मशीन और वीवीपैट के पर्चियों की फिर से गिनती करने की मांग की है।
आरोप : आंकड़ों में काफी अंतर
पांडव ने दर्ज आपत्ति में कहा है कि 350 कंट्रोल यूनिट में 25 से 26 मशीन के सील और डिस्प्ले में गड़बड़ी सामने आई। फार्म नंबर 17 सी का वोट का आंकड़ा और मतगणना के आंकड़ों में काफी अंतर है। 4 से 5 मशीन में तकनीकी खराबी आने से वीवीपैट की गिनती होनी बाकी है। 15 हजार वोट का अंतर मशीनों में गड़बड़ी से आया है। उन्होंने अपने अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से आपत्ति दर्ज कराकर सभी 350 बूथ की रिकाउंटिंग करने की मांग की है। मांग का संज्ञान नहीं लेने पर उच्च स्तर पर न्याय के लिए गुहार लगाने की चेतावनी दी है।