अजान के दौरान लाउडस्पीकर का विरोध करने वालों को आतंकी कहने पर छिड़ा राजनीतिक संग्राम
कर्नाटक अजान के दौरान लाउडस्पीकर का विरोध करने वालों को आतंकी कहने पर छिड़ा राजनीतिक संग्राम
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। अजान के दौरान लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के खिलाफ आंदोलन कर रहे हिंदू कार्यकर्ताओं को आतंकवादी करार देने के मुद्दे पर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस आमने-सामने आ गई हैं। कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाते हुए मंगलवार को हिंदू कार्यकर्ताओं को आतंकवादी कहने का अपना रुख दोहराया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने पार्टी स्टैंड का बचाव करते हुए पूछा कि अगर शांति और सद्भाव बिगाड़ने वाले लोगों को आतंकवादी कहा जाए तो क्या गलत है?
उन्होंने सवाल दागते हुए कहा कि अगर कोई जातियों के बीच दरार पैदा कर रहा है, तो उसे और क्या कहा जा सकता है? इस संबंध में विधान परिषद में विपक्ष के नेता बी. के. हरिप्रसाद ने कहा कि उनके बयान को गलत नहीं समझा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, जो कोई भी समाज में अशांति पैदा करने में शामिल है, उसे आतंकवादी कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि राज्य में अजान बनाम हनुमान चालीसा मुद्दे के लिए सत्तारूढ़ भाजपा जिम्मेदार है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता ने कहा कि सरकार एक तरफ इस घटनाक्रम को प्रोत्साहित कर रही है और दूसरी तरफ स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी का दावा है कि वह 15 दिनों में गाइडलाइंस लाएगी। इसे रोजगार सृजन के बारे में भी सोचना चाहिए।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व एमएलसी अश्वथ नारायण ने आईएएनएस से कहा कि आतंकवादी वाला बयान कांग्रेस पार्टी की मानसिकता को दर्शाता है। लाउडस्पीकरों पर दिशानिर्देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नहीं लाए गए थे। उन्होंने कहा कि दिशानिर्देश सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए हैं और मस्जिदों और मंदिरों दोनों के लिए बनाए गए हैं। कांग्रेस नेता हरिप्रसाद चार दशक से राष्ट्रीय राजनीति में थे और वह हाल ही में राज्य में आए हैं। उन्होंने कहा, वह कर्नाटक को उत्तर भारत की तरह सोच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिवकुमार समेत कांग्रेस के नेता भड़काऊ बयान देकर हिंदू कार्यकर्ताओं को भड़का रहे हैं। इस बीच हिंदू संगठनों ने पूर्व मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनका रुख हिंदू विरोधी है तो उनकी जद (एस) पार्टी कभी सत्ता हासिल नहीं कर पाएगी। कुमारस्वामी ने सरकार से प्रमोद मुतालिक जैसे लोगों को जेल भेजने का आग्रह किया था, जो कथित तौर पर अशांति पैदा कर रहे हैं। इस बयान से राज्य में विवाद खड़ा हो गया था।
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