यूपी में अमित शाह ने बिछाई चुनावी बिसात, पूर्वांचल के हिस्से में चला बड़ा दांव
यूपी में अमित शाह ने बिछाई चुनावी बिसात, पूर्वांचल के हिस्से में चला बड़ा दांव
- शाह का दौरा
- यूपी मेंं बढ़ा सियासी पारा
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। केंद्रीय गृहमंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपने एक दिवसीय उत्तर प्रदेश के दौरे में हर सियासी समीकरण को साधने की कोशिश की। उन्होंने विध्याचल कोरिडोर से हिंदुत्व के एजेंडे को साधा तो दूसरी ओर उन्होंने पूर्वांचल के जातीय समीकरण को साधने की कोशिश की और विपक्ष पर निशाना साधा है। अभी उत्तर प्रदेश के 2022 के चुनाव की घोषणा नहीं हुई है लेकिन अमित शाह के दौरे से सियासी पारा जरूर बढ़ चुका है।
योगी के नेतृत्व में ही लड़ा जायेगा चुनाव
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का रविवार को लखनऊ, मिर्जापुर और वाराणसी दौरा किया जो कि काफी महत्वपूर्ण रहा। शाह ने लखनऊ में फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट की आधारशिला रखी और इस कार्यक्रम में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि मैं 2013 से 2019 के बीच उत्तर प्रदेश का हर जिला घूम चुका हूं और बदलाव साफ नजर आता है। शाह ने कहा कि पहले अपराधी बेलगाम घूमते थे, लेकिन आज जिस यूपी में खड़ा हूं गौरव की अनुभूति होती कि योगी जी के नेतृत्व में प्रदेश आगे बढ़ रहा है। शाह ने आगे कोविड के समय प्रदेश सरकार और कैन्द्र सरकार के प्रयासों को गिनाया, और कहा कि दोनों सरकारें प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।
लखनऊ से जाटलैंड(पश्चिमी यूपी) को साधने की कोशिश
अमित शाह ने चतुर राजनेता की तरह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाटों को साधने के लिए मुजफ्फरनगर दंगो और उसके बाद हुए पलायन की याद दिलाई। शाह ने कहा कि भाजपा सरकार से पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपराधियों के डर से लोग अपने घर तक बेचने को मजबूर थे, लेकिन अब योगी जी के नेतृत्व का कमाल है कि अपराधी खुद आत्मसमर्पण करते हैं। भाजपा की सरकार ने उत्तर प्रदेश को दंगे से निजात दिलाई है। भाजपा ने प्रदेश से माफियाओं को खत्म किया है। इसके साथ ही हमने भू माफियाओं पर भी नकेल कसी है। जिस कारण उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है।
पूर्वांचल के जातीय समीकरण को साधने की कोशिश
मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल सांसद हैं और भाजपा की कैंद्र सरकार में मंत्री भी हैं। मिर्जापुर से प्रयागराज तक बनने वाले फॉरलेन हाइवे को अनुप्रिया पटेल के पिता सोनेवाल के नाम पर रखा गया है। प्रतापगढ़ में बने मेडिकल कॉलेज को भी सोनेलाल के नाम पर रखा गया है। इससे शाह एक तीर से दो निशाने साध गये। एक निशाना यह जताकर साधा कि भाजपा गठबंधन धर्म निभाना जानती है, उन्होंने पूर्वांचल के राजभर समुदाय के नेता ओमप्रकाश राजभर को आईना दिखाया है। तो दूसरा निशाना उन्होंने कुर्मी वोटरों को साधकर लगाया है। पूर्वांचल में कुर्मी वोटर की संख्या 6 से 11 फीसद है। जो पूर्वांचल की सियासत में काफी मायने रखती है।
हिन्दुत्व के मुद्दे को धार दी
अमित शाह ने यूपी दौरे की आड़ में उत्तर प्रदेश के 2022 के चुनाव के लिए मुद्दा तय कर दिया है। भाजपा 2022 के चुनाव में हिन्दुत्व को अपना सबसे बड़ा मुद्दा बनायेगी। शाह ने अपने दौरे की शुरुआत वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने से की, और मिर्जापुर में विध्यांचल कॉरीडोर के शिलान्यास के बहाने उन्होंने हिन्दुत्व के मुद्दे को धार दी। उन्होंने राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार में 550 साल बाद राम मंदिर का निर्माण हुआ है, और हिन्दुओं की आस्था का सम्मान हुआ है। अमित शाह ने सपा-बसपा सहित विपक्ष से आक्रामक शैली में सवाल पूछा कि आखिस क्यों राममंदिर नहीं बन सका, आखिर क्यूं ब्रज का विकास नहीं हुआ था, चित्रकूट धाम में भगवान श्रीराम ने 11 साल से ज्यादा बिताए उसका भी विकास क्यू नहीं हुआ, क्यों मां विंध्यवासिनी का कॉरिडोर नहीं बनाया गया? फिस इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष वोट बैंक की राजनीति से डरता था, लेकिन भाजपा वोट बैंक की राजनीति से नहीं डरती. अमित शाह ने अपने भाषण के शुरूआत में कहा कि भारत माता की जय का नारा इतनी जोर से लगाना है ताकि जो भी सरकार बनाने के सपने देख रह हैं उनके कान तक आवाज पहुंच जाए।