पार्थ चटर्जी की वफादारी का संकेत तृणमूल से उनकी दूरी को साबित करने में विफल
पश्चिम बंगाल पार्थ चटर्जी की वफादारी का संकेत तृणमूल से उनकी दूरी को साबित करने में विफल
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व द्वारा दरकिनार किए जाने के बावजूद पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने गुरुवार को पार्टी के प्रति अपनी वफादारी का संकेत दिया है। चटर्जी करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले में मुख्य आरोपी हैं और इस समय न्यायिक हिरासत में हैं।
हालांकि, तृणमूल ने उनके संदेश को गंभीरता से लेने में अनिच्छा जाहिर की है।
गुरुवार को विशेष सीबीआई अदालत में पेश होने के दौरान चटर्जी ने लंबे अंतराल के बाद पूरी तरह से अलग लहजे में मीडियाकर्मियों से बात की। उनकी गिरफ्तारी इस साल जुलाई में हुई थी।
चटर्जी ने कहा, मैं अपने सभी साथी तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नए साल की अग्रिम शुभकामनाएं देता हूं। मैं अगले महीने पार्टी के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर तृणमूल कांग्रेस में शामिल सभी लोगों को बधाई देना चाहूंगा।
न्यायिक हिरासत और 14 दिनों के लिए बढ़ा दिए जाने के बाद अदालत से बाहर आने पर चटर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के प्रति अपनी निष्ठा जारी रखने का स्पष्ट संदेश दिया।
चटर्जी ने कहा, ईश्वर मेरे साथ है। जिन लोगों का मुझ पर विश्वास बना हुआ है, वे निश्चिंत रहें कि एक दिन सच्चाई सामने आएगी। मैं अपनी पार्टी के साथ हूं। मैं लोगों के साथ हूं।
गुरुवार को चटर्जी का लहजा गिरफ्तारी के शुरुआती दिनों से बिल्कुल अलग था। वह पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में और फिर प्रेसीडेंसी सुधार गृह में रहे। उन्होंने उस समय दावा किया था कि उन्हें साजिश का शिकार बनाया गया है और आने वाले दिनों में वह सब कुछ बता देंगे।
हालांकि, चटर्जी की टिप्पणी का पार्टी नेतृत्व पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा।
तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि चटर्जी ने जो भी कहा, वह उनका निजी मत है।
घोष ने कहा, पार्टी को इस मामले में कुछ नहीं कहना है, क्योंकि पार्टी नेतृत्व ने पार्थ चटर्जी के खिलाफ पहले ही कार्रवाई शुरू कर दिया था।
गिरफ्तारी के तुरंत बाद चटर्जी से उनका मंत्री पद और पार्टी के सभी पोर्टफोलियो छीन लिए गए थे।
(आईएएनएस)
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