त्रिपुरा में हिंसा की कई घटनाओं के बीच 3 बजे तक 70 फीसदी से ज्यादा मतदान
राजनीति त्रिपुरा में हिंसा की कई घटनाओं के बीच 3 बजे तक 70 फीसदी से ज्यादा मतदान
डिजिटल डेस्क, अगरतला। त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के लिए भारी सुरक्षा के बीच वोटिंग समाप्त हो गई है। दोपहर तीन बजे तक 70 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं ने वोट डाले, चुनाव अधिकारियों ने यह जानकारी दी। राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हमले और मतदाताओं को डराने-धमकाने और चुनाव को बाधित करने की कई घटनाएं भी सामने आईं हैं।
दक्षिण, गोमती, सिपाहीजाला और पश्चिम त्रिपुरा जिलों में हमले में विपक्षी दल के कम से कम 60 कार्यकर्ता घायल हो गए। मुख्य विपक्षी माकपा ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने चार जिलों के 25 से अधिक मतदान केंद्रों में उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंटों को बेदखल कर दिया है।
त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी गिट्टे किरणकुमार दिनकर राव ने कहा कि जहां भी किसी तरह की परेशानी की सूचना मिली, सुरक्षा बल तुरंत पहुंचे और समस्याओं का समाधान किया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि गोमती जिले में सत्तारूढ़ भाजपा के पक्ष में वोट डालने के लिए लोगों से आग्रह करने में कथित भूमिका के लिए एक पुलिस कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया।
माकपा और कांग्रेस सहित विपक्षी राजनीतिक दलों ने शिकायत की कि धनपुर और काकराबान सहित कई जगहों पर सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं ने विपक्षी दलों के मतदाताओं को रोका। राज्य के आठ जिलों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू होने से पहले ही पुरुष, महिला और पहली बार वोट डाल रहे मतदाता मतदान केंद्रों के सामने कतार में लग गए थे।
चुनाव अधिकारी ने कहा, ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन), जहां ठीक से काम नहीं कर रही थीं, उन्हें इंजीनियरों ने तुरंत बदल दिया। सीईओ ने कहा कि 60 सदस्यीय सदन के चुनाव के लिए 31 महिलाओं सहित कुल 259 उम्मीदवार मैदान में हैं, और उनमें से सबसे अधिक सत्तारूढ़ बीजेपी ने 55 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, उसके बाद भाकपा- एम (43), टिपरा मोथा पार्टी (42), तृणमूल कांग्रेस (28), और कांग्रेस के 13 उम्मीदवार मैदान में हैं, इन सबके अलावा 58 निर्दलीय उम्मीदवार और विभिन्न छोटे दलों के 14 उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं।
(आईएएनएस)।
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