मटुआ समुदाय पहले से भारतीय नागरिक, गुमराह करने की कोशिश कर रहा सीएए: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल मटुआ समुदाय पहले से भारतीय नागरिक, गुमराह करने की कोशिश कर रहा सीएए: ममता बनर्जी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-09 11:00 GMT
मटुआ समुदाय पहले से भारतीय नागरिक, गुमराह करने की कोशिश कर रहा सीएए: ममता बनर्जी
हाईलाइट
  • राजनीति का हथियार

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के मुद्दे पर केंद्र और भाजपा की आलोचना की और इसे पश्चिम बंगाल में मटुआ समुदाय को गुमराह करने की एक नई चाल करार दिया, जो पहले से ही भारतीय नागरिक हैं।

बता दें, मटुआ बांग्लादेश से एक अनुसूचित जाति नामित शरणार्थी समुदाय हैं, जो वर्तमान में मुख्य रूप से उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव उप-मंडल में और आंशिक रूप से नादिया जिले के कुछ इलाकों में केंद्रित हैं।

मुख्यमंत्री ने नदिया जिले के कृष्णानगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने वहां के दो जिलों में कुछ खास समुदायों के शरणार्थियों को नागरिकता देने का ड्रामा शुरू कर दिया है। यहां पश्चिम बंगाल में उनके नेता मटुआ लोगों की भावनाओं का शोषण करने की कोशिश कर रहे हैं, जो पहले से ही भारतीय नागरिक हैं। तो क्या यह एक चाल है कि पहले उनकी नागरिकता छीन ली जाए और उन्हें दोबारा दे दी जाए। मैं उन्हें किसी भी हाल में मटुआ की नागरिकता नहीं लेने दूंगी।

उन्होंने कहा कि बीजेपी हमेशा किसी भी चुनाव से पहले एनआरसी और सीएए के मुद्दों को फिर से उठाती है। मटुआ उनकी राजनीति का हथियार बन गया है। दरअसल, वे बंगाल को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। वे यहां के लोगों के साथ गंदी राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं।

2019 में राणाघाट लोकसभा क्षेत्र से भाजपा की शानदार जीत का जिक्र करते हुए, जहां मटुआ मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर मटुआ भारतीय नहीं थे, तो उन्होंने बाद के चुनावों में वोट कैसे दिया?

ममता ने सवाल करते हुए कहा, रानाघाट लोकसभा क्षेत्र के अधिकांश मतदाताओं ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया। वहां के लोगों ने वोट दिया और भाजपा को सत्ता में आने के लिए योगदान दिया। मटुआ के वोटों के बिना क्या नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन सकते थे? मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल में केंद्रीय जांच एजेंसियों की हालिया आक्रामकता को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा, हमारी पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं और यहां तक कि राज्य सरकार के अधिकारियों को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा परेशान किया जा रहा है, ताकि वे आगामी पंचायत चुनावों से पहले राज्य में विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने में असमर्थ हों। कुछ लोगों ने लालच के कारण गलतियां की हैं, जिसके लिए उन्हें दंडित किया जा रहा है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि तृणमूल कांग्रेस में हर कोई अनुचित व्यवहार में शामिल है।

 

आईएएनएस

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