मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री के खिलाफ दायर दो एफआईआर में से एक को रद्द किया

तमिलनाडु मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री के खिलाफ दायर दो एफआईआर में से एक को रद्द किया

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-30 17:30 GMT
मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री के खिलाफ दायर दो एफआईआर में से एक को रद्द किया

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को तमिलनाडु के पूर्व नगरपालिका प्रशासन मंत्री और एआईएडीएमके नेता एस.पी. वेलुमणि के खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी को रद्द कर दिया, लेकिन उनके खिलाफ दर्ज एक अन्य प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया। दोनों एफआईआर पूर्व मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में दर्ज थी। न्यायमूर्ति पी.एन. प्रकाश और न्यायमूर्ति आर.एम.टी. टीका रमन की मद्रास उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा कि प्राथमिकी भ्रष्टाचार विरोधी एनजीओ, अरापोर इय्याकम और डीएमके नेता आर.एस. भारती की शिकायत और सीएजी की एक रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गई थी।

अदालत ने कहा कि प्राथमिकी को रद्द करने का आदेश केवल पूर्व मंत्री पर लागू होता है, अन्य आरोपियों पर नहीं, क्योंकि सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने एक रिपोर्ट दायर की थी कि उसे एसपी वेलुमणि के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। अदालत ने उल्लेख किया कि डीवीएसी की रिपोर्ट को सरकार ने 2020 में भी स्वीकार किया था।

हालांकि, मई 2021 में डीएमके सरकार के कार्यभार संभालने के बाद, डीवीएसी ने 2020 की सीएजी रिपोर्ट पर ध्यान दिया और 2021 अगस्त में एसपी वेलुमणि के खिलाफ एनजीओ अरापोर इय्याका और डीएमके के आयोजन सचिव, आर.एस. भारती द्वारा दर्ज की गई शिकायतों पर प्राथमिकी दर्ज की। मद्रास उच्च न्यायालय ने इस प्राथमिकी को रद्द करते हुए डीवीएसी की कोयम्बटूर इकाई द्वारा मार्च 2022 में दर्ज एक अन्य प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया। प्राथमिकी में कहा गया है कि पूर्व मंत्री ने अपने सहयोगियों के साथ आपराधिक साजिश रची और जनता के पैसे लूटे।

डीवीएसी ने एक गुप्त सत्यापन में यह भी पाया कि पूर्व मंत्री ने 2016 से 2021 की अवधि के दौरान अपने और अपने परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की थी। डीवीएसी ने अदालत में कहा कि पूर्व मंत्री ने अप्रैल 2016 तक 1.03 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी, लेकिन मार्च 2021 तक उनकी घोषित संपत्ति 58.94 करोड़ रुपये दर्ज की गई थी। उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु में डीएमके सरकार के सत्ता में आने के बाद डीवीएसी ने कई पूर्व मंत्रियों के परिसरों पर छापे मारे थे।

(आईएएनएस)

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