मुझे हमेशा नजरअंदाज किया गया.. दिल्ली मुलाकात से पहले  सिद्धू के संकेत, भविष्य पर फैसला आज!

पंजाब मुझे हमेशा नजरअंदाज किया गया.. दिल्ली मुलाकात से पहले  सिद्धू के संकेत, भविष्य पर फैसला आज!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-14 06:12 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू आज गुरुवार को राजधानी दिल्ली पहुंचकर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। सिद्धू की कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल और पंजाब प्रदेश प्रभारी हरीश रावत से होने वाली इस मुलाकात  को काफी अहम माना जा रहा है। पिछले महीने ही सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। जिससे पंजाब कांग्रेस पार्टी में भूचाल आ गया। हालांकि जैसे तैसे नवजोत सिंह सिद्धू की नाराजगी को दूर करने में सीएम चरणसिंह चन्नी कामयाब हुए थे। 
ढाई महीने के बाद पद से दिया इस्तीफा
नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश अध्यक्ष पद संभालने के करीब ढ़ाई महीने बाद ही स्टेट प्रेसिडेंट पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। पत्र के इस्तीफे में सिद्धू ने सोनिया गांधी को लिखा “मैं समझौता नहीं कर सकता हूं। समझौता करने से शख्सियत खत्म हो जाती है। मैं पंजाब के भविष्य के साथ समझौता नहीं कर सकता हूं। 

 

 

नाराजगी, इस्तीफे और मनाने के बाद शीर्ष नेताओं से मुलाकात

नाराजगी, इस्तीफे और मनाने के दौर के इस राजनैतिक नाटकीय कार्यक्रम के बाद सिद्धू की हाईकमान नेताओं से पहली मुलाकात हो रही है। मुलाकात से पहले सिद्धू ने ट्विटर पर कई बातों को पोस्ट किया है। उन्होंने अपनी वीडियो पोस्ट में कहा कि उन्हें मिले सम्मान के लिए हमेशा कांग्रेस आलाकमान का आभारी रहेंगे। उन्होंने  कभी समझौता ना करने की बात लिखी। जो लोग पंजाब के लिए उनके प्यार को समझते है,वे कभी मुझ पर आरोप नहीं लगाएंगे। सिद्धू ने कहा कि हर जगह मेरी प्रतिभा को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने राजनीति में गुणा भाग को बताते हुए कहा कि राजनीति में 5 को पचास और 50 को शून्य किया जा सकता है। वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने ट्वीट के जरिए पंजाब के संगठन से संबंधित चर्चा के लिए सिद्धू से होने  वाली मुलाकात की जानकारी दी।  कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से सिद्धू की यह मुलाकात वर्किंग कमेटी के बैठक से दो दिन पहले ही होने जा रही है। बैठक में  अगले साल होने जा रहे पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों पर चर्चा होना है।  

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