पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारीशक्ति का परचम - मोदी
मध्यप्रदेश पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारीशक्ति का परचम - मोदी
डिजिटल डेस्क, श्योपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कराहल में महिला स्व-सहायता समूह के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधी आबादी की स्थिति और हैंसियत में आए बदलाव का जिक्र किया और कहा कि वर्तमान में देश के पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारीशक्ति का परचम लहरा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से आए आठ चीतों को छोड़ने के बाद कराहल में आयोजित महिला स्व-सहायता समूह के सम्मेलन में हिस्सा लिया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि, पिछली शताब्दी के भारत और इस शताब्दी के नए भारत में एक बहुत बड़ा अंतर हमारी नारी शक्ति के प्रतिनिधित्व के रूप में आया है। आज के नए भारत में पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारीशक्ति का परचम लहरा रहा है।
नारी ष्षक्ति और उनके संकल्प की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जिस भी सेक्टर में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है, उस क्षेत्र में, उस कार्य में सफलता अपने आप तय हो जाती है। स्वच्छ भारत अभियान की सफलता इसका बेहतरीन उदाहरण है, जिसको महिलाओं ने नेतृत्व दिया है। पिछले आठ वर्षों में स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने में हमने हर प्रकार से मदद की है।आज पूरे देश में आठ करोड़ से अधिक बहनें इस अभियान से जुड़ी हैं।
प््राधानमंत्री मोदी ने सरकार के संकल्प की चर्चा करते हुए कहा, हमारा लक्ष्य है कि हर ग्रामीण परिवार से कम से कम एक बहन इस अभियान से जुड़े। गांव की अर्थव्यवस्था में, महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए, उनके लिए नई संभावनाएं बनाने के लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है। वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट के माध्यम से हम हर जिले के लोकल उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
केंद्र सरकार के पोषण माह मनाए जाने के साथ संयुक्त राष्ट्र के मिले साथ का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, सितंबर का ये महीना देश में पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। भारत की कोशिशों से संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मोटे अन्नाज के वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 2014 के बाद से ही देश, महिलाओं की गरिमा बढ़ाने, महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान में जुटा हुआ है। शौचालय के अभाव में जो दिक्कतें आती थीं, रसोई में लकड़ी के धुएं से जो तकलीफ होती थी, वो आप अच्छी तरह जानती हैं। देश में 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर, नौ करोड़ से ज्यादा उज्जवला के गैस कनेक्शन देकर और करोड़ों परिवारों में नल से जल देकर, आपका जीवन आसान बनाया है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण उन्हें समाज में भी उतना ही सशक्त करता है। हमारी सरकार ने बेटियों के लिए बंद दरवाजे को खोल दिया है। बेटियां अब सैनिक स्कूलों में भी दाखिला ले रही हैं, पुलिस कमांडो भी बन रही हैं और फौज में भी भर्ती हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि, अगर मेरे जन्मदिन पर कोई कार्यक्रम नहीं होता तो मैं अपनी मां के पास जाता और उनके चरण छूकर आशीर्वाद लेता, मगर आज मैं अपनी मां के पास नहीं जा सका, लेकिन आज जब मेरी मां देखेगी कि मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल की लाखों माताएं मुझे आशीर्वाद दे रही हैं, तो उनको जरूर संतोष होगा।
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