तमिलनाडु भाजपा में गुटबाजी छिड़ी, पार्टी प्रमुख अन्नामलाई के संतुलन कौशल का इम्तिहान
गुटीय युद्ध का सामना तमिलनाडु भाजपा में गुटबाजी छिड़ी, पार्टी प्रमुख अन्नामलाई के संतुलन कौशल का इम्तिहान
- राष्ट्रपति द्वारा छह महीने के लिए निलंबित
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु के द्रविड़ क्षेत्र में चार विधानसभा सीटें जीतकर अपनी छाप छोड़ने की कोशिश कर रही भाजपा पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष एल. मुरुगन को मोदी कैबिनेट में राज्यमंत्री पद से पुरस्कृत करने की कोशिश कर रही है। मगर पार्टी को गुटीय युद्ध का सामना करना पड़ रहा है।
आईपीएस अधिकारी से नेता बने के. अन्नामलाई की अधिनायकवादी कार्यप्रणाली के खिलाफ अंदर ही अंदर उबल रहा मुद्दा पार्टी की महिला नेता गायत्री रघुरामन को राष्ट्रपति द्वारा छह महीने के लिए निलंबित किए जाने के बाद सामने आया है।
गायत्री रघुरामन ने पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता डेजी सरीन का समर्थन किया था, जिन्हें मौखिक रूप से एक अन्य नेता, शिवा सूर्या, एक ओबीसी नेता और तिरुचि शिव के बेटे, एक वरिष्ठ द्रमुक नेता और संसद सदस्य द्वारा गाली दी गई थी।
यह मुद्दा तब भड़का, जब डेजी सरीन पर शिव सूर्या की मौखिक गाली सोशल मीडिया पर लीक हो गई और गायत्री रघुरामन ने डेजी सरीन का समर्थन करते हुए इसे वायरल कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ट्विटर का सहारा लिया और पार्टी के औद्योगिक प्रकोष्ठ के संयोजक ए सेल्वाकुमार के साथ इस मुद्दे पर बहस की। उसने दावा किया कि यह सेल्वाकुमार था जो उसके खिलाफ ट्रोल्स के पीछे था। तमिलनाडु के लिए पार्टी प्रमुख के तुरंत बाद, के। अन्नामलाई ने 22 नवंबर को एक बयान जारी कर उन्हें छह महीने के लिए पार्टी की गतिविधियों से निलंबित कर दिया। उन्होंने ओबीसी प्रमुख शिव सूर्य को भी पार्टी के कार्यक्रमों में भाग लेने से निलंबित कर दिया और बाद में उन्हें भी निलंबित कर दिया।
दो हलके नेताओं को निलंबित करने के मुद्दे को सतही तौर पर देखा जाता है, इसमें नजर आने के अलावा भी बहुत कुछ है। अन्नामलाई ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद, एक कठिन कार्य मास्टर रहे हैं और भाजपा में सशस्त्र कुर्सी की राजनीति की पुरानी शैली की अनुमति नहीं थी।
इसने उन्हें कई दुश्मन बना दिया और पार्टी के वरिष्ठ नेता उनके खिलाफ अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि एक युवा नेता के लिए पीढ़ीगत बदलाव तमिलनाडु में पुराने नेताओं द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था।
अन्नामलाई ने हमेशा दिल्ली में मोदी, शाह से अपने संपर्को का ढिंढोरा पीटा है, इसलिए स्थानीय नेता उन पर सीधे हमला करने की स्थिति में नहीं थे। हालांकि गायत्री रघुरामन और ए. सेल्वाकुमार जैसे नेताओं के सोशल मीडिया पर एक-दूसरे से भिड़ने और महिला अल्पसंख्यक मोर्चा की नेता डेजी चरण पर हमला करने वाले शिवा सूर्या जैसे नेता के साथ मध्य स्तर पर विकास अधिक गहरा है जो एक्सटीरियर में देखा जा रहा है।
डॉ. जी. पद्मनाभन, निदेशक, सामाजिक आर्थिक विकास फाउंडेशन, मदुरै स्थित थिंक टैंक और दक्षिण भारत की भाजपा राजनीति का अध्ययन करते हुए आईएएनएस से बात करते हुए कहा, संघ परिवार में कुछ ब्राह्मण नेताओं के नेतृत्व वाली एक लॉबी है जो नहीं है अन्नामलाई के साथ अच्छे संबंध भाजपा में उनके आने के बाद से ये नेता उनसे काफी नाखुश थे और इससे कई जगहों पर घर्षण हुआ है।
उन्होंने कहा, अन्नामलाई की कार्यशैली भी उसी तरह की है, जिसके लिए उन्हें एक पुलिस अधिकारी के रूप में प्रशिक्षित किया जाता है और यह उन वरिष्ठ नेताओं के साथ अच्छा नहीं हुआ है जिन्होंने वर्षो से जमीनी स्तर पर काम किया है ताकि जहाज को तमिलनाडु के गंदे पानी में तैरते रखा जा सके। राजनीति पर पूरी तरह से द्रविड़ विचारधारा और द्रविड़ राजनीति का प्रभुत्व है।
आईएएनएस
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