राजनीति में भक्ति तानाशाही की राह: खड़गे
नई दिल्ली राजनीति में भक्ति तानाशाही की राह: खड़गे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को धर्म और राजनीति में भक्ति का अंतर बताया और कहा कि यह बाद में खतरनाक हो सकता है। उन्होंने बीआर अंबेडकर स्मारक जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद एक ट्वीट में कहा- धर्म में भक्ति आत्मा की मुक्ति का मार्ग हो सकती है। लेकिन राजनीति में, भक्ति या नायक-पूजा पतन और अंतत: तानाशाही का एक निश्चित मार्ग है।
वह मौलाना अबुल कलाम आजाद की मजार पर भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, एक क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी और भारत के पहले शिक्षा मंत्री, वह हमारे देश की लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष साख में विश्वास करते थे और धार्मिक आधार पर विभाजन के विचार का कड़ा विरोध करते थे। बुधवार को कांग्रेस के नए प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने वाले खड़गे ने कहा कि भाजपा और आरएसएस बाबा साहब के संविधान को संघ के संविधान से बदलने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.