कर्नाटक में दरगाह के एक हिस्से को तोड़े जाने ने राजनीतिक रंग लिया

कर्नाटक कर्नाटक में दरगाह के एक हिस्से को तोड़े जाने ने राजनीतिक रंग लिया

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-21 15:00 GMT
कर्नाटक में दरगाह के एक हिस्से को तोड़े जाने ने राजनीतिक रंग लिया

डिजिटल डेस्क, धारवाड़। कर्नाटक के धारवाड़ शहर में भैरदेवरकोप्पा में एक दरगाह के एक हिस्से को अदालत के आदेश के बाद तोड़े जाने की घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए भारी पुलिस सुरक्षा के साथ बुधवार तड़के दरगाह के एक हिस्से को तोड़ने का कार्य शुरू किया गया।

विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह कार्रवाई की जा रही है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एमएम हिंदसागेरी ने कहा कि सत्तारूढ़ बीजेपी ने लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और दरगाह की ऐतिहासिक विरासत को नुकसान पहुंचाया है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार दावा कर रही है कि दरगाह को इस लिए हटाया गया क्योंकि यह बस रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (बीआरटीएस) परियोजना में बाधा है। लेकिन, बीआरटीएस प्रोजेक्ट पूरा होने के बावजूद जानबूझकर दरगाह को हटाने की साजिश रची जा रही है। यह निंदनीय है।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि जुड़वां शहर हुबली और धारवाड़ सद्भाव के लिए जाने जाते हैं। सत्तारूढ़ भाजपा इस पवित्र भूमि पर नफरत की राजनीति कर रही है। भाजपा को एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना बंद करना चाहिए।

मुस्लिम नेता अल्ताफ हालूर ने कहा कि भैरदेवरकोप्पा में दरगाह का विध्वंस हिंदुओं और मुसलमानों को विभाजित करने के लिए किया गया है। यह भाजपा के छिपे हुए एजेंडे का हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाया कि धारवाड़ से हुबली तक बीआरटीएस कॉरिडोर की चौड़ाई 36 मीटर है। लेकिन, केवल दरगाह के पास इसे 44 मीटर के लिए चिह्न्ति किया गया है। यह भाजपा विधायक अरविंद बेलाड के शोरूम को बचाने की साजिश है।

विधायक प्रसाद अब्बैया ने कहा कि भाजपा सरकार लोगों की भावनाओं को आहत कर रही है। मुसलमानों ने यहां अपनी धार्मिक भावनाओं को जोड़ा है। दरगाह विध्वंस करके भाजपा बांटो और राज करो की नीति पर चल रही है। दरगाह को बचाया जा सकता था। लेकिन बीजेपी जानबूझकर इसे हटवा रही है।

बीआरटीएस ने परियोजना के लिए उस जमीन का अधिग्रहण किया था, जहां दरगाह स्थित है। दरगाह प्रबंधन को 2016 में स्टे ऑर्डर मिला था। इसके खिलाफ बीआरटीएस ने कोर्ट में अपील की थी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में स्टे हटा लिया था।

 

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Tags:    

Similar News