दिल्ली बीजेपी ने की डीजेबी घोटाले में केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग
नई दिल्ली दिल्ली बीजेपी ने की डीजेबी घोटाले में केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एमसीडी चुनावों के साथ, दिल्ली भाजपा ने सोमवार को दिल्ली जल बोर्ड में 20 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाया। दिल्ली के मुख्यमंत्री और जल बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, पहली बात तो यह है कि दिल्ली सरकार कैग के कई पत्रों के बाद भी 2015-16 से दिल्ली जल बोर्ड के खातों का ऑडिट नहीं करवा रही है। वहीं दिल्ली जल बोर्ड पर कर्ज भी बढ़ता जा रहा है। आज जल बोर्ड भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है।
प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेश प्रवक्ता अजय सहरावत भी मौजूद रहे। बिधूड़ी ने कहा कि जल बोर्ड में 20 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार तब सामने आया जब उपराज्यपाल ने हस्तक्षेप किया। भाजपा नेता ने कहा कि जल बोर्ड में लगभग 2015 से एक घोटाला चल रहा था, जिसके तहत जल बोर्ड के कर्मचारियों, जल बोर्ड द्वारा नियुक्त फंड कलेक्टर एजेंटों और एक निजी बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का गबन किया गया।
उन्होंने कहा कि जो उपभोक्ता जल बोर्ड के कार्यालयों में निजी कंपनियों के कियोस्क पर बिल जमा कराने आते थे, यह कंपनी नगद और चेक उनके फर्जी खातों में जमा कराती थी, जिसकी जानकारी जल बोर्ड के कर्मचारियों को होती थी, लेकिन यह बात सामने नहीं आ सकी क्योंकि इसमें सबका हिस्सा तय था। बिधूड़ी ने हैरानी जताई कि 2018 में जब यह घोटाला सामने आया तो केजरीवाल ने इस पर कार्रवाई करने की बजाय निजी कंपनी का ठेका दो साल के लिए बढ़ा दिया और साथ ही निजी कंपनी को दिए जाने वाले कमीशन को भी बढ़ा दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल को सब कुछ पता होने के बावजूद पुलिस के साथ उनका अनुपालन न करना उनकी मिलीभगत का सबूत है। उन्होंने कहा कि अगर जल बोर्ड के खातों की ठीक से जांच होती तो क्या पता यह घोटाला 200 करोड़ रुपये का भी हो सकता था। बिधूड़ी ने कहा कि भाजपा की मांग है कि पुलिस इस मामले की भी जांच करे कि अरविंद केजरीवाल ने पुलिस में एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई। उन्होंने कहा कि 2018 में घोटाले की जानकारी मिलने के बाद केजरीवाल सरकार को पुलिस में एफआईआर दर्ज करानी चाहिए थी, ऐसा नहीं करना उनके संरक्षण का प्रमाण है।
(आईएएनएस)
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