महंगाई या ईडी पर दवाब बनाने को लेकर हुआ कांग्रेस का प्रदर्शन, लोगों की राय अलग-अलग : आईएएनएस सर्वे

नई दिल्ली महंगाई या ईडी पर दवाब बनाने को लेकर हुआ कांग्रेस का प्रदर्शन, लोगों की राय अलग-अलग : आईएएनएस सर्वे

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-06 10:00 GMT
महंगाई या ईडी पर दवाब बनाने को लेकर हुआ कांग्रेस का प्रदर्शन, लोगों की राय अलग-अलग : आईएएनएस सर्वे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने 5 अगस्त को महंगाई, बेरोजगारी समेत कई अन्य मुद्दों के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और दिल्ली पुलिस के बीच हाथापाई भी देखने को मिली। दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत पार्टी के कई शीर्ष नेताओं को हिरासत में लिया। हिरासत में लिए गए कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को बाद में रिहा कर दिया गया। विरोध प्रदर्शन से पहले, राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था, जहां उन्होंने सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि भारत लोकतंत्र की मौत देख रहा है।

पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग राज्यों की राजधानियों में इसी तरह के प्रदर्शन किए। जबकि कांग्रेस ने जोर देकर कहा कि पार्टी ने लोगों की चिंताओं के मुद्दों को उठाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा ने आरोप लगाया कि नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कथित संलिप्तता की प्रवर्तन निदेशालय की जांच के खिलाफ इस तरह के आंदोलन के माध्यम से मुख्य विपक्षी दल सरकार पर दबाव बनाना चाहता है। सीवोटर- इंडियाट्रैकर ने कांग्रेस के प्रदर्शन की मंशा के बारे में लोगों की राय जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वे किया।

सर्वे में पाया गया कि मुख्य विपक्षी दल द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर विरोध को लेकर लोगों की अलग-अलग राय है। 52 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि विरोध का वास्तविक लक्ष्य ईडी था, जिसने कई राउंड तक गांधी से पूछताछ की। वहीं सर्वे में भाग लेने वालों में से 48 प्रतिशत असहमत थे और उन्होंने कहा कि दैनिक उपयोग की वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों और बेरोजगारी के खिलाफ आंदोलन आयोजित किया गया।

दिलचस्प बात यह है कि 60 प्रतिशत विपक्षी मतदाताओं ने कहा कि विरोध का छिपा हुआ एजेंडा जांच एजेंसी को निशाना बनाना था, जबकि एनडीए के 60 प्रतिशत मतदाताओं ने इस भावना को साझा नहीं किया और कहा कि मुद्रास्फीति और बेरोजगारी के मुद्दों को उठाने के लिए आंदोलन किया गया। सर्वे के दौरान इस मुद्दे पर शहरी और ग्रामीण दोनों तरह के मतदाताओं की राय बंटी हुई थी। सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, जहां 53 फीसदी शहरी मतदाताओं ने कहा कि विरोध का असली एजेंडा जांच एजेंसी को निशाना बनाना था, वहीं 47 फीसदी इससे असहमत थे।

इसी तरह, जबकि 50 प्रतिशत ग्रामीण मतदाताओं ने विरोध किया, कांग्रेस विरोध के माध्यम से ईडी का मनोबल गिराना चाहती है। वहीं, अन्य 50 प्रतिशत ग्रामीण उत्तरदाताओं ने एक अलग ²ष्टिकोण रखा और कहा कि विरोध का उद्देश्य महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरना है।

(आईएएनएस)

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