5 साल में सिर्फ चंद लाख बढ़ी सीएम योगी आदित्यनाथ की संपत्ति, सीएम बनने के बाद खत्म हुए खुद पर दर्ज चार मुकदमे
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 5 साल में सिर्फ चंद लाख बढ़ी सीएम योगी आदित्यनाथ की संपत्ति, सीएम बनने के बाद खत्म हुए खुद पर दर्ज चार मुकदमे
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आ गया है। सभी राजनीतिक दल जहां चुनावी प्रचार में पूरी ताकत लगा रहे हैं तो वहीं चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर रहे है। इसी कड़ी में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर शहर सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। बता दें कि गोरखपुर के महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज में आयोजित जनसभा को संबोधित करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन दाखिल करते समय सीएम योगी ने हलफनामे में अपनी संपत्तियों व आय का विवरण दिया है।
हलफनामें के मुताबिक उनके पास कुल 1,54,94,054 रुपये की धनराशि है। 1 लाख रुपये नकद हैं, कोई घर या आश्रित नहीं है। सीएम योगी के पास कृषि या फिर गैर कृषि भूमि भी नहीं है। हलफनामे में बताया गया है कि योगी के पास 10-10 ग्राम सोने के दो कान के कुंडल के साथ ही 10 ग्राम सोने की रूद्राक्ष की माला है।
इसके अलावा एक रिवॉल्वर और एक राइफल है। गौैरतलब है कि 2017 में हलफनामे में सीएम योगी ने अपने ऊपर चार मुकदमे दर्ज होने की जानकारी दी थी। हालांकि अबकी बार के हलफनामे में कोई भी मुकदमा न होने की जानकारी दी है। सीएम योगी के साथ नामांकन के दौरान देश के गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे।
आंकड़ों में घोषित आय
- 2021-21 में घोषित आय - 13,20,653 रुपये
- 2019-20 में घोषित आय - 15,68,799 रुपये
- 2018-19 में घोषित आय - 18,27,639 रुपये
- 2017-18 में घोषित आय - 14,38,670 रुपये
- 2016-17 में घोषित आय - 8,40,998 रुपये
पिछली बार योगी बने थे विधान परिषद के सदस्य
गौरतलब है कि पिछली बार विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा बिना सीएम चेहरे के चुनाव लड़ी थी। जिसके बावजूद भी बीजेपी को मोदी लहर में प्रचंड सीटें मिली थी। उसके बाद बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने तब गोरखपुर से सांसद रहे योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया था। जिसके बाद योगी आदित्यनाथ ने सांसद पद से इस्तीफा देकर यूपी के सीएम पद को संभाला था।
संवैधानिक नियमों के मुताबिक मंत्री पद पर बनें रहने के लिए छह माह के भीतर ही विधानमंडल के किसी एक सदन का सदस्य बनना जरूरी होता है। जिसके बाद योगी आदित्यनाथ प्रदेश के सातवें ऐसे राजनेता बनें जो उच्च सदन यानी विधान परिषद के जरिये मुख्यमंत्री की कुर्सी बरकरार रखे। बता दें कि सीएम योगी ऐसे तीसरे सीएम बनें थे, जो बतौर सांसद सीएम की शपथ ली थी। इसके पहले अखिलेश यादव व मायावती भी सांसद रहते हुए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और बाद में विधान परिषद के सदस्य बने थे।