कैप्टन ने बनाई नई पार्टी, कांग्रेस पार्टी से दिया इस्तीफा
पंजाब सियासत कैप्टन ने बनाई नई पार्टी, कांग्रेस पार्टी से दिया इस्तीफा
डिजिटल डेस्क, चंड़ीगढ़। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी नई पार्टी के नाम का एलान किया, कैप्टन की पार्टी का नाम पंजाब लोक कांग्रेस होगा। अब कैप्टन होंगे अपने पार्टी के नए कैप्टन। इसके साथ ही कैप्टन ने सोनिया गांधी को 7 पेज का पत्र लिखकर कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कैप्टन ने नई पार्टी का एलान तो कर दिया लेकिन अभी पंजीकरण बाकी है, पार्टी का चुनाव चिह्न बाद में मिलेगा। अपने चिट्ठी में कैप्टन ने आरोप लगाया कि सिद्धू को राहुल व प्रियंका गांधी का संरक्षण प्राप्त था। जबकि आपने आंखें मूंद ली। हरीश रावत ने सिद्धू की सहायता की और उकसाया।
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 2, 2021
सिद्धू से मतभेद के कारण कैप्टन ने दिया था इस्तीफा
गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ मतभेद के बाद कैप्टन नें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि कैप्टन जल्द ही नई पार्टी का एलान कर सकते है। हालांकि मंगलवार को आधिकारिक तौर पर कैप्टन ने नई पार्टी का एलान कर, सारी अटकलों पर विराम लगा दिया।
बीजेपी से कर सकते हैं गठबंधन
आपको बता दें कि नई पार्टी के एलान के साथ ही कैप्टन ने संकेत भी दिया कि पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के साथ-साथ अकाली से अलग हुए समान विचार वाले गुटों से गठबंधन करेंगे। हालांकि, अमरिंदर ने साफ किया कि भाजपा से गठबंधन कृषि कानूनों के मुद्दे के संतोषजनक समाधान पर निर्भर करेगा। यदि अमरिंदर सिंह भाजपा से बात कर किसानों की समस्या का हल निकालवानें में कामयाब होते हैं फिर आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के लिए मुश्किल हो सकती है। कांग्रेस के ये पता है कि कैप्टन सत्ता में आ नहीं सकते लेकिन कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकते है।
पहले भी पार्टी बना चुके हैं अमरिंदर
गौरतलब है कैप्टन अमरिंदर ने साल 1992 में अकाली दल से इस्तीफा देकर अपनी एक नई पार्टी शिरोमणि अकाल दल (पंथक) के नाम से बनाई थी। हालांकि कैप्टन का यह प्रयोग सफल नहीं हुआ और साल 1998 में शिरोमणि अकाल दल (पंथक) का कांग्रेस के साथ विलय हो गया। बता दें कि साल 1977 से उनकी राजनीतिक अनुभव काम आया और साल 2002 में कांग्रेस का नेतृत्व करते हुए कैप्टन ने पंजाब विधानसभा चुनाव में सफलता हासिल की।