भाजपा को अमित शाह की रणनीति पर है भरोसा,ताबड़तोड़ दौरा कर रहे हैं गृहमंत्री

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भाजपा को अमित शाह की रणनीति पर है भरोसा,ताबड़तोड़ दौरा कर रहे हैं गृहमंत्री

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-29 06:30 GMT
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हाईलाइट
  • चुनाव के हालात और चुनावी मुद्दों का जमीनी फीडबैक लेते शाह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने के लक्ष्य को लेकर विधानसभा चुनाव में उतरी भाजपा को एक बार फिर से प्रदेश में अमित शाह की रणनीति पर भरोसा है। संसद का सत्र समाप्त होते ही गृह मंत्री अमित शाह जिस ताबड़तोड़ अंदाज में उत्तर प्रदेश का दौरा कर रहे हैं, उससे उत्साहित भाजपा के नेता जीत को लेकर आश्वस्त होते भी दिखाई दे रहे हैं।

भाजपा के एक बड़े नेता ने आईएएनएस से बात करते हुए दावा किया कि अमित शाह उत्तर प्रदेश की राजनीति को बखूबी समझ चुके हैं और उन्हें प्रदेश के हर इलाके और हर सीट के जातीय, धार्मिक एवं राजनीतिक समीकरण का बखूबी ज्ञान है। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी बात तो यह है कि अमित शाह को पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं की क्षमता के बारे में भी पूरी जानकारी है । इस वजह से वो चुनाव और दायित्व को लेकर जो भी तय करते हैं, उसका असर जमीन पर नजर आता है।

पिछले एक सप्ताह में शाह उत्तर प्रदेश के कासगंज, उरई, हरदोई और सुल्तानपुर में जनसभाएं कर चुनाव का एजेंडा सेट करते नजर आ रहे हैं। 2022 में भी शाह का उत्तर प्रदेश में चुनावी दौरा जारी रहेगा। जनवरी 2022 के पहले सप्ताह में शाह रामनगरी अयोध्या, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर और बरेली में जन विश्वास यात्रा के रोड शो में भी शामिल होंगे। चुनावी अभियान से जुड़े भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस को बताया कि शाह अपने दौरे के दौरान आम मतदाताओं के साथ-साथ पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्पित कैडर को भी प्रोत्साहित करने का काम करते हैं। विधानसभा प्रभारियों से चुनाव के हालात और चुनावी मुद्दों का जमीनी फीडबैक लेते हैं और उसी आधार पर एजेंडा तैयार करते हैं।

उत्तर प्रदेश भाजपा के नेताओं को अमित शाह की रणनीति पर यूंही भरोसा नहीं है बल्कि शाह इससे पहले लगातार 3 बार अपनी रणनीति को कामयाब साबित कर दिखा चुके हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश प्रभारी के तौर पर 80 में से 73 सीटों पर एनडीए को जीत दिलाकर उन्होंने सबसे पहले राजनीतिक विश्लेषकों को चौंका दिया था। उसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर शाह लगातार यूपी का दौरा कर प्रदेश के जातीय समीकरण को समझते और साधते नजर आए और इसी रणनीति के कारण 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की कुल 403 सीटों में से भाजपा गठबंधन को 325 सीटों पर जीत हासिल हुई।

2019 लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा-रालोद के सबसे मजबूत विपक्षी गठबंधन की घेरेबंदी को तोड़ने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर अमित शाह ने 50 प्रतिशत वोट हासिल करने की रणनीति बनाई । उस चुनाव में 50 प्रतिशत के लगभग वोट हासिल कर भाजपा के 62 उम्मीदवार विजयी हुए। वहीं 1.21 प्रतिशत मत के साथ भाजपा की सहयोगी अपना दल को भी 2 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हुई। इसलिए भाजपा को पूरा भरोसा है कि 2022 में भी अमित शाह का जादू चलेगा और प्रदेश में लगातार चौथी बार भाजपा का परचम लहराएगा।

 

(आईएएनएस)

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