भारत बंद को तेलुगु राज्यों में अलग-अलग प्रतिक्रिया मिली

संयुक्त किसान मोर्चा भारत बंद को तेलुगु राज्यों में अलग-अलग प्रतिक्रिया मिली

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-27 11:01 GMT
भारत बंद को तेलुगु राज्यों में अलग-अलग प्रतिक्रिया मिली
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डिजिटल डेस्क, विजयबाड़ा। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किए गए एक दिवसीय भारत बंद की सोमवार को दो तेलुगु राज्यों में अलग-अलग प्रतिक्रिया मिली। जहां आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने बंद के आवाहन का समर्थन किया है, तेलंगाना में बंद का आंशिक प्रभाव पड़ा है। वहीं सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने विरोध से खुद को दूर कर लिया है।

आंध्र प्रदेश में सरकारी कार्यालय बंद रहे और राज्य के स्वामित्व वाले आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें सड़कों से नदारद रहीं। नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर बंद के आह्वान पर राज्य के कुछ हिस्सों में दुकानें भी बंद रहीं। गैर-भाजपा दलों, ट्रेड यूनियनों और जन संगठनों के नेताओं और कार्यकतार्ओं ने किसानों की मांग के समर्थन में पूरे आंध्र प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में रेल, सड़क नाकाबंदी और रैलियों का आयोजन किया।

एपीएसआरटीसी की बसें आंध्र प्रदेश के सभी 13 जिलों में डिपो तक सीमित थीं। बंद का समर्थन कर रहे विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं ने सुबह से ही बस डिपो के सामने धरना दिया। बंद का असर विशाखापत्तनम जिले के पडेरू एजेंसी इलाके में भी देखा गया। विशाखापत्तनम स्टील प्लांट के कर्मचारियों ने भी हड़ताल में भाग लिया और केंद्र सरकार से सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के निजीकरण की अपनी योजना को छोड़ने की मांग की।

तिरुपति रेलवे स्टेशन पर हल्का तनाव रहा, क्योंकि प्रदर्शनकारी पटरियों पर बैठ गए थे। प्रदर्शनकारी अपने-अपने संगठनों का झंडा लेकर रेल रोकने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचे। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।बारिश के बावजूद, सीपीआई, सीपीआई-एम, कांग्रेस, सीपीआई (एमएल) न्यू डेमोक्रेसी और अन्य दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अमरावती में विरोध प्रदर्शन किया। मुख्य विपक्षी दल तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के कार्यकर्ता भी राज्य के विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए सड़कों पर उतरे।

टीआरएस के बंद से दूर रहने से सामान्य जनजीवन पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। हालांकि टीएसआरटीसी कर्मचारियों के एक वर्ग ने शटडाउन कॉल का समर्थन किया, लेकिन परिवहन निकाय ने सामान्य सेवाएं संचालित कीं। कांग्रेस, वाम दलों और अन्य समूहों के नेताओं ने राज्य में विभिन्न स्थानों पर सड़क जाम की। केंद्र की नीतियों और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने रैलियां निकालीं और धरना दिया।

कांग्रेस विधायकों को पुलिस ने उस समय हिरासत में ले लिया जब वे ईंधन की कीमतों में भारी वृद्धि पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए एक घोड़ा गाड़ी पर तेलंगाना विधानसभा पहुंचने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोका, जिससे विवाद हुआ। बाद में पुलिस ने कांग्रेस विधायक दल के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क और विधायक श्रीधर बाबू, जीवन रेड्डी और अन्य को हिरासत में लिया।

(आईएएनएस)

 

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