बंगाल भर्ती घोटाला : पार्थ चटर्जी ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट से राहत के लिए कोर्ट पहुंचे
पश्चिम बंगाल बंगाल भर्ती घोटाला : पार्थ चटर्जी ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट से राहत के लिए कोर्ट पहुंचे
- शिक्षक भर्ती घोटाले
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने राज्य में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल पूरक आरोपपत्र से अपने संदर्भ को हटाने की मांग करते हुए कोलकाता की एक अदालत में याचिका दायर की है।
ईडी द्वारा 7 दिसंबर को कोलकाता में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत में दाखिल पूरक आरोपपत्र में घोटाले में पार्थ चटर्जी और तृणमूल विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य बोर्ड के बीच सांठगांठ का विवरण दिया गया है।
चटर्जी ने अपनी याचिका में अपने और भट्टाचार्य के बीच सांठगांठ स्थापित करने के लिए ईडी के निष्कर्षो और टिप्पणियों के बारे में आपत्ति जताते हुए उस पूरक चार्जशीट से उनका नाम हटाने की मांग की है।
अब इस बात पर सवाल उठ रहे हैं कि चटर्जी ने 7 दिसंबर को ईडी की पूरक चार्जशीट से छूट क्यों मांगी है, 19 सितंबर को एजेंसी की पहली चार्जशीट से क्यों नहीं, जिसमें उन पर सीधे तौर पर आरोप लगाया गया था। चार्जशीट में उनका नाम घोटाले में प्रमुख मास्टरमाइंड होने और करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के साथ सबसे बड़े लाभार्थी के रूप में लिया गया है। चटर्जी और भट्टाचार्य, दोनों अभी न्यायिक हिरासत में हैं।
इस बीच, मंगलवार दोपहर को घोटाले के दो अन्य आरोपी- पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गंगोपाध्याय और पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष सुबीरेश भट्टाचार्य ने जमानत के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। दोनों शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में हैं।
भट्टाचार्य, जो उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति भी हैं, के खिलाफ मुख्य आरोप यह है कि आयोग के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान शिक्षकों की भर्ती के लिए हुई लिखित परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों की मार्कशीट में बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ की गई थी। उन्हें 19 सितंबर को और गंगोपाध्याय को 15 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था।
आईएएनएस
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