प्रधानमंत्री मोदी के बिहार पहुंचने से पहले गर्माई विशेष राज्य के दर्जे को लेकर सियासत
बिहार प्रधानमंत्री मोदी के बिहार पहुंचने से पहले गर्माई विशेष राज्य के दर्जे को लेकर सियासत
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह के समापन के मौके पर मंगलवार की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पटना पहुंचेंगे और शताब्दी स्मृति स्तंभ का अनावरण करेंगे। लेकिन, इससे पहले ही बिहार में सियासत शुरू हो गई है।
प्रधानमंत्री के दौरे के पहले भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू और राजद ने वर्षों पुरानी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग दोहराई है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री विधानसभा भवन शताब्दी समारोह में आ रहे हैं। बिहार के लोगों की विशेष राज्य का दर्जा बहुत पुरानी मांग है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की भी रिपोर्ट में कई मामलों में बिहार पिछड़ा राज्य है। ऐसे में बिहार के विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा जरूरी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को अपने बिहार दौरे के क्रम में विशेष राज्य का दर्जा देने की घोषणा करनी चाहिए।
इधर, जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया है, लेकिन विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है।
कुशवाहा ने कहा कि प्रधानमंत्री के बिहार दौरे को लेकर एक विशेष अनुभूति का एहसास हो रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बिहार को विशेष दर्जे की मांग लंबे समय से करती रही है। उन्होनंे कहा कि प्रधानमंत्री के बिहार आगमन पर मैं उनका पुरजोर स्वागत करता हूं तथा उनसे उम्मीद करता हूं कि बिहार को कुछ विशेष (राज्य का दर्जा) अवश्य ही देने की कृपा करेंगे।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग काफी पुरानी है। कहा भी जा रहा है कि इसे लेकर अब केवल सियासत हो रही है।
बिहार के मंत्री सम्राट चौधरी ने हालांकि कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा से मिलने वाली सहूलियत से ज्यादा कुछ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग के बाद यह खत्म हो गया है और इसके अलावा बिहार को विशेष राज्य के दर्जे से ज्यादा मिल रहा है। यह विपक्ष को मान लेना चाहिए। चौधरी ने कहा कि कई लाख करोड़ रुपये बिहार के विकास के लिए अभी तक मिल चुके हैं।
सॉर्स-आईएएनएस
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