दिल्ली में एंटी डस्ट अभियान, नियम का उल्लंघन हुआ तो कंस्ट्रक्शन साइटों पर 5 लाख तक का जुर्माना

दिल्ली दिल्ली में एंटी डस्ट अभियान, नियम का उल्लंघन हुआ तो कंस्ट्रक्शन साइटों पर 5 लाख तक का जुर्माना

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-06 13:30 GMT
दिल्ली में एंटी डस्ट अभियान, नियम का उल्लंघन हुआ तो कंस्ट्रक्शन साइटों पर 5 लाख तक का जुर्माना
हाईलाइट
  • दिल्ली में एंटी डस्ट अभियान
  • नियम का उल्लंघन हुआ तो कंस्ट्रक्शन साइटों पर 5 लाख तक का जुर्माना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में कंस्ट्रक्शन साइटों पर निर्माण संबंधी 14 एंटी डस्ट नियमों को लागू करना जरूरी हो गया है। कंस्ट्रक्शन साइटों पर इन नियम उल्लंघन होने पर एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक 10 हजार से 5 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा। एंटी डस्ट अभियान के तहत दिल्ली में 586 टीमों का गठन किया गया है। जिसमें डीपीसीसी की 33 टीमें शामिल हैं।

कंस्ट्रक्शन साइटों पर निर्माण के तय यह गए नियमों के मुताबिक सभी निर्माण साइटों पर निर्माण स्थल के चारों तरफ धूल रोकने के लिए ऊंची टीन की दीवार खड़ी करना जरूरी है। धूल प्रदूषण को लेकर पहले केवल 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साईट पर ही एंटी स्मोग गन लगाने का नियम था। अब नए नियम के आधार पर 5 हजार वर्गमीटर से लेकर उससे अधिक के एरिया के निर्माण साइट पर एंटी स्मोग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।

5 हजार से 10 हजार वर्ग मीटर की निर्माण साईट पर 1 एंटी स्मॉग गन, 10 हजार से 15 हजार वर्ग मीटर साइट पर 2, 15 हजार से 20 हजार वर्ग मीटर की निर्माण साइट पर 3 और 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर की निर्माण साइट पर कम से कम 4 एंटी स्मॉग गन होनी चाहिए।

इनके अलावा निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्य के लिए निर्माणाधीन क्षेत्र और भवन को त्रिपाल या नेट से ढकना जरूरी है। निर्माण स्थल पर निर्माण सामग्री को लाने, ले जाने वाले वाहनों की सफाई एवं पहिए साफ करना जरूरी है। निर्माण सामग्री ले जा रहे वाहनों को पूरी तरह से ढंकना जरूरी है। निर्माण सामग्री और ध्वस्तीकरण का मलबा चिन्हित जगह पर ही डालना जरूरी है, सड़क के किनारे उसके भंडारण पर प्रतिबंध है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सर्दी के मौसम में दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की है। जिसके आधार पर संबंधित विभागों ने इसे जमीन पर लागू करने के लिए कार्य शुरू कर दिया है। इसके लिए एक ग्रीन वॉर रूम भी लॉन्च किया है, जहां से इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी।

एंटी डस्ट कैंपेन के लिए 586 टीमों का गठन किया है। जिसमें 12 सम्बंधित विभागों की टीम शामिल है। इसमें डीपीसीसी की 33 टीम, राजस्व विभाग की 165 टीम, एमसीडी की 300 टीम डीएसआईआईडीसी की 20 टीम, दिल्ली जल बोर्ड की 14 टीम, डीडीए की 33 टीम, दिल्ली मेट्रो की 3 टीम, सीपीडब्लूडी की 6 टीम, पीडब्लूडी की 6 टीम, एनडीएमसी की 1 टीम, दिल्ली कैंटोनमेंटबोर्ड की 4 टीम और एनएचएआई की 1 टीम शामिल हैं।

टीम 6 अक्टूबर से ही लगातार निर्माण साइट्स का दौरा करेगी। यह सुनिश्चित करेगी कि वहां निर्माण संबंधी दिशा निदेशरें का पालन हो। निर्माण साइट्स पर 14 सूत्रीय नियमों को लागू करना जरूरी है, जिसके लिए एंटी डस्टअभियान आज से शुरू किया जा रहा है जो कि 6 नवंबर तक चलेगा।

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि जो भी साइट्स डस्ट कंट्रोल के नियम का पालन नहीं करेगा। उसपर कानून के अनुसार कार्रवाई की जायेगी। कंस्ट्रक्शन साइटों पर नियम के उल्लंघन होने पर एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक 10 हजार से 5 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा। दोबारा उल्लंघन मिलने पर उससे अधिक रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा। अगर ज्यादा उलंघन होगा तो कंस्ट्रक्शन साइट को बंद कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जहां तक ग्रेप की बात है। दिल्ली में यह लागू है। 500 वर्ग मीटर और उससे ऊपर के सभी निर्माण, विध्वंस वाले प्रोजेक्ट सीएंडडी पोर्टल पर पंजीकृत होना जरूरी है। बिना पंजीकरण के कार्य करने की अनुमति नहीं मिलेगी। साथ ही साथ पीयूसी चेकिंग और वाटर स्प्रिंक्लिंग के अभियान की मॉनिटरिंग को तरीके से दिल्ली में लागू किया गया है।

 

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