अपहरण और रंगदारी का मामला: पूर्व सांसद धनंजय सिंह को 7 साल की सजा, कहा-चुनाव से रोकने की साजिश
- 4 साल पहले मैनेजर को किडनैप कर मांगी थी रंगदारी
- धनंजय सिंह पर 40 से अधिक मामले दर्ज
- अब आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे धनंजय सिंह
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में जौनपुर की विशेष सांसद-विधायक अदालत ने अपहरण और रंगदारी मांगने के मामले में बुधवार को बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके एक सहयोगी को सात-सात साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है। पुलिस धनंजय को जिला जेल लेकर पहुंची है। आपको बता दें मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने धनंजय को दोषी करार दिया था। मामले में संतोष विक्रम को भी 7 साल की सजा हुई है। इस सजा के बाद धनंजय अब आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
जिस मामले में धनंजय सिंह को सजा हुई है, वह मामला 10 मई, 2020 का है। इस दिन मुजफ्फरनगर निवासी नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने अपहरण, रंगदारी और अन्य धाराओं में धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम के खिलाफ लाइन बाजार थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।अपनी एफआईआर में मैनेजर सिंघल ने पुलिस को बताया कि संतोष विक्रम ने दो साथियों के साथ मेरा अपहरण किया और धनंजय के आवास पर ले गए। यहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गन पॉइंट पर गालियां दीं।
मामला दर्ज होने के कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने धनंजय समेत दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। अगले दिन उन्हें अदालत में हाजिर किया गया। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक कस्टडी में भेजा था। मामले में नया मोड़ तब आया था, जब धनंजय सिंह और उनके सहयोगी पर केस दर्ज कराने वाला मैनेजर अदालत में आरोपों से पलट गया था। इस मामले में धनंजय सिंह 109 दिन जेल में रहे थे। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत ली थी।
धनंजय सिंह पर जौनपुर, लखनऊ और दिल्ली सहित अन्य जगह 40 से अधिक मामले दर्ज हैं। इनमें सबसे ज्यादा 19 मुकदमे लखनऊ के विभिन्न थानों में हैं। धनंजय 50 हजार के इनामी भी रह चुका है।
जौनपुर की विधायक सांसद विशेष कोर्ट ने बुधवार को नमामि गंगे योजना के प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण केस में सजा सुनाई। अदालत ने 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अदालत से बाहर निकले धनंजय ने मीडिया से बात करते हुए कहा फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय जाऊंगा। धनंजय ने आगे कहा- चुनाव जरूर लड़ा जाएगा, यह मुझे चुनाव से रोकने की साजिश है। कोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में धनंजय सिंह के समर्थक मौजूद रहे। छतों और बालकनी पर भी उनके समर्थक खड़े नजर आए।
आपको बता दें कुछ दिन पहले बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में 195 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की थी, इस सूची में पूर्वांचल की हॉट सीट में शुमार जौनपुर लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र के कद्दावर नेता व जौनपुर के मूल निवासी कृपाशंकर सिंह पर दाव खेला है। इसके बाद धनंजय सिंह को चार साल पुराने मामले में सजा हुई है, इन दोनों से ये बात साफ स्पष्ट हो जाती है कि यहां की लोकसभा सीट पर भाजपा में चल रहा घमासान शांत हो गया है।
आपको बता दें बीजेपी ने यहां से महाराष्ट्र में कांग्रेस की विलास राव देशमुख सरकार में गृह राजमंत्री कृपाशंकर सिंह का अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वैसे तो कृपाशंकर सिंह अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी। कृपाशंकर ने 10 सितंबर 2019 को कांग्रेस से इस्तीफा दिया, और 7 जलाई 2021 को बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा ने 4 अगस्त 2021 को उन्हें महाराष्ट्र का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने विश्वास जताते हुए उन्हें उनके गृह जनपद जौनपुर से लोकसभा प्रत्याशी बनाया है। कृपाशंकर सिंह जौनपुर के तेजीबाजार के सहोदरपुर के मूल निवासी हैं।