महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: महायुति में हो रहा मोहभंग! टिकट की आस में भाजपा और अजीत पवार के नेता शरद पवार की NCP में हो रहे शामिल

  • इस साल के अंत में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव
  • महायुति से नेताओं को हो रहा दलबदल
  • शरद पवार की एनसीपी में हो रहे शामिल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-14 16:36 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में इस साल के नवंबर-दिसंबर के बीच में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे लेकर राजनीतिक दल अभी से कमर कसते नजर आ रहे हैं। इसी के साथ-साथ राज्य में दल-बदलने का दौर भी शूरू हो गया है। दरअसल, महाराष्ट्र की सत्ताधारी महायुती सरकार के कुछ नेता विपक्षी दलों के महाविकास अघाड़ी दल (एमवी) में शामिल हो गए हैं।

इस संबंध में इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट पब्लिश की है। जिसके मुताबिक, हाल ही में अजीत पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के कुछ विधायकों ने शरद पवार की एनसीपी में शामिल हो गए हैं। हालांकि, इनमें से हाल ही में एनसीपी (शरद गुट) में शामिल होने वाली भाग्यश्री मात्रम ने कहा, "मुझे अच्छा नहीं लग जिस तरह मेरे पिता ने शरद पवार गुट को छोड़ा और महायुति ज्वाइन करने के बाद से ही वह अजित पवार गुट के साथ काम कर रहे थे। वह जनता के कल्याण का झूठा आश्वासन दे रहे थे।"

भाग्यश्री मात्रम ने ज्वाइन की एनसीपी (शरद गुट)

बता दें, भाग्यश्री मात्रम ने 12 सितंबर को शरद पवार की एनसीपी की सदस्यता ली थी। उन्होंने शरद गुट में आने की वजह साल 1991 में शरद पवार का उनके पिता धर्माराव बाबा आत्राम को नक्सलियों से सुरक्षित आजाद कराना बताया है। भाग्यश्री ने कहा कि शरद गुट में शामिल होकर उन्होंने अपने पिता की इस आजादी का आभार व्यक्त किया है। बता दें, महाराष्ट्र की मौजूदा महायुति सरकार में धर्माराव बाबा आत्राम राज्यमंत्री है। इसी के साथ भाग्यश्री मात्रम के एनसीपी (शरद गुट) में शामिल होने से सूबे में पिता-बेटी की दरार बढ़ गई है। अटकलें हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में गढ़चिरौली विधानसभा सीट से एनसीपी (शरद गुट) भाग्यश्री मात्रम को अपने पिता के खिलाफ चुनावी मैदान में उतार सकती है। बता दें, बीते एक दशक से महाराष्ट्र की राजनीति में भाग्यश्री मात्रम काफी सक्रिया चेहरा हैं। वह गढ़चिरौली जिला परिषद की अध्यक्ष के तौर पर पदभार संभाल चुकी हैं।

यदि देखा जाए तो लोकसभा चुनाव से पहले ही दलबदल के मामले में शरद पवार की एनसीपी ने अन्य दलों के मामले में बढ़त बना ली हैं। दरअसल, पिछले कुछ महीनों में एनसीपी में भाजपा और अजीत पवार की एनसीपी से कुछ नेताओं पार्टी में शामिल हुए हैं। भाजपा में टिकट ना मिलने से नाखुश धैर्यशील मोहिते पाटिल ने एनसीपी में आ गए थे। इसके बाद पार्टी ने उन्हें माढ़ा सीट से उम्मीदवार बनाया है। इसी दौरान अजित पवार के खेमे से ही एक और विधायक निलेश लंके ने भी एनसीपी (शरद गुट) का दामन थाम लिया था। एनसीपी (शरद गुट) के टिकट से दोनों उम्मीदवारों भाजपा के उम्मीदवारों को हराना में कामयाब रहे थे।

भाजपा के कई नेताओं ने छोड़ी पार्टी 

इसके अलावा लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री सूर्यकांता पाटिल ने भी भाजपा छोड़ दी थी। वह शरद पवार की एनसीपी में शामिल हो गए थे। इसके एक महीने बाद भाजपा नेता माधवराव किन्हालकर ने भी पार्टी का साथ छोड़कर एनसीपी (शरद गुट) ज्वाइन कर ली थी। इस दौरान अब तक महायुति के कई नेता टिकट मिलने की आस में एनसीपी (शरद गुट) में शामिल हो चुके हैं।

इस बार के लोकसभा चुनाव में महायुति सरकार के डिप्टी सीएम अजित पवार की एनसीपी का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था। चुनाव में पार्टी को केवल एक ही सीट पर जीत नसीब हुई थी। इसके बाद जुलाई में पिंपरी चिंचवाड़ क्षेत्र के एनसीपी चीफ ने अजीत पवार की एनसीपी छोड़ दी थी। अब वह एनसीपी (शरद गुट) के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरने की आस में है। इसके अलावा भाजपा को सितंबर में ही जोरदा झटका लगा। पार्टी में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडवीस के बेहद खास माने जाने वाले समरजीत सिंह घटगे ने एनसीपी (शरद गुट) का दामन थाम लिया है। उन्हें कोल्हापुर के कागल सीट से चुनावी मैदान में उतरने की उम्मीद हैं। इसके बाद अब भाजपा के अन्य नेता अतुल बेंके और हर्षवर्धन पाटिल की भी शरद पवार की एनसीपी में जाने की अटकलें लगाई जा रही है।

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