सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को खूब सुनाई खरी खोटी, वसुंधरा राजे से अपने संबंधों पर दिए जवाब

  • सीएम गहलोत ने पायलट के आरोपों का दिया जवाब
  • नरेंद्र मोदी से राहुल गांधी ही लड़ सकते हैं- अशोक गहलोत

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-13 03:34 GMT

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है। इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में खींचतान दिखाई दे रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट में विवाद थमता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। पार्टी हाईकमान तमाम जतन कर रहा है कि दोनों वरिष्ठ नेताओं में समन्वय बनाया जाए लेकिन फिर भी बात नहीं बन पा रही है। दोनों नेताओं में खींचतान के बीच सीएम अशोक गहलोत का एक इंटरव्यू सामने आया है। जिसमें सचिन पायलट के आरोपों और पूर्व सीएम व बीजेपी नेता वसुंधरा राजे से अपने संबंधों को लेकर बात की है।

दरअसल, बीते दिन ही अशोक गहलोत ने एबीपी न्यूज को इंटरव्यू दिया है। जिसमें उनसे सचिन पायलट से जुड़े तमाम सवाल पूछे गए हैं। इस दौरान गहलोत से पूछा गया कि सचिन पायलट आप पर आरोप लगाते हैं कि आपकी वसुंधरा राजे से साठ गांठ हैं। जिस पर जवाब देते हुए गहलोत ने कहा, "इंदिरा गांधी जी ने मुझे इतना कुछ दिया, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत पूरे गांधी परिवार ने मुझे विधायक, प्रदेश अध्यक्ष और 3 बार राज्य का मुख्यमंत्री बनाया, कोई क्या कहेगा कि मेरा नेता कौन है।"

गहलोत ने क्या कहा?

सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए गहलोत ने आगे कहा, "कोई क्या कहता है उस पर मुझे क्या कहना, मैं इतना बता दूं कि वसुंधरा राजे के खिलाफ 4 मामले थे। जिनका निस्तारण हमने कर दिया है। कुछ मामलों में कोर्ट ने फैसले दे दिए हैं और एक बस कॉर्पोरेट का मामला है जो ईडी के दायरे में है इसलिए मैं साफ कर दूं कि और कोई भी मामला मेरे संज्ञान में नहीं है।"

सीएम अशोक गहलोत ने अपने जवाब में आगे कहा, "जब पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल के सामने बात हो गई है और तय हो गया है कि सबको मिलकर चुनाव लड़ना है तो मुझे उम्मीद है कि कोई भी नेता हो या कार्यकर्ता हाईकमान के उस निर्देश का पालन करके साथ मिलकर चुनाव लड़ेगा क्योंकि देश को आज कांग्रेस की जरूरत है।"

'मोदी से राहुल लड़ रहे'

राजस्थान के मुखिया से आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सवाल किया गया तो उनका कहना था, "राहुल गांधी ही स्वाभाविक नेता हैं क्योंकि वही नरेंद्र मोदी से लड़ रहे हैं। मगर इस बाबत फैसला नेतृत्व करेगा क्योंकि वो लोग बाकी दलों के संपर्क में हैं।"

पार्टी का दावा हुआ फेल?

आपको बता दें कि, सचिन पायलट और अशोक गहलोत में करीब 4 सालों से खींचतान मची हुई है। सीएम की कुर्सी के लिए दोनों कद्दावर नेता कई बार आमने-सामने आ चुके हैं। लेकिन इस साल के अंत में राजस्थान के विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसको देखते हुए पार्टी हाईकमान ने हाल ही में दिल्ली में एक अहम बैठक बुलाई थी। जिसमें पायलट-गहलोत भी शामिल हुए थे। यह बैठक पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल के नेतृत्व में हुआ था। करीब चार घंटे की बैठक के बाद कांग्रेस पार्टी ने मीडिया में आकर कहा था कि, दोनों नेताओं के बीच विवाद खत्म हो गया है। पार्टी हाईकमान ने निर्णय लिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव इनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा। हालांकि, पार्टी के इन तमाम दावों के बावजूद पायलट-गहलोत के बीच समन्वय बनता हुआ दिखाई तो नहीं दे रहा है।

गहलोत के लिए मुसीबत है पायलट?

सचिन पायलट, अशोक गहलोत की करीब चार सालों से खुले तौर पर आलोचना करते आ रहे हैं। 11 जून को अपने पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर दौसा जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। साथ ही पायलट ने अपने पिता की प्रतिमा का अनावरण भी किया था। जिसके बाद एक सभा को संबोधित करते हुए एक बार फिर गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया था। उन्होंने कहा था कि, पेपर लीक मामले में मैं विधार्थियों के साथ हूं उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए क्योंकि ये देश और प्रदेश दोनों के भविष्य हैं। दरअसल, गहलोत सरकार को सचिन पायलट तमाम मंचों से पेपर लीक मामले में उचित कार्रवाई न करने को लेकर घेरते रहे हैं। साथ ही वसुंधरा राजे के कार्यकाल को भ्रष्ट बताते हुए उनकी कार्यकाल की जांच करने की मांग करते आ रहे हैं। जिस पर हमने हाल ही में उनकी यात्रा और एक दिन का अनशन देखा था।

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