मध्य प्रदेश में दलितों को 'संत रविदास समरसता यात्रा' से रिझाने में जुटी भाजपा
- आदिवासी के बाद दलित ही वह वर्ग है।
- चार यात्राएं मंगलवार को शुरू हुई थी।
- मध्य प्रदेश में भाजपा की दलितों को रिझाने की कवायद जारी है।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में भाजपा की दलितों को रिझाने की कवायद जारी है। इसी के चलते राज्य में पांच अलग-अलग स्थानों से संत रविदास समरसता यात्रा निकाली जा रही है। चार यात्राएं मंगलवार को शुरू हुई थी और पांचवीं यात्रा को बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगरौली से रवाना किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगरौली से संत रविदास समरसता यात्रा का शुभारंभ करते हुए कहा कि संत शिरोमणि रविदास ने ऐसे राज की परिकल्पना की थी जहां हर व्यक्ति को भरपेट भोजन मिले और सभी का कल्याण हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में ऐसी ही शासन व्यवस्था स्थापित की है, जिसमें हर व्यक्ति के लिए भरपेट भोजन, रहने के लिए मूलभूत सुविधाओं से युक्त पक्का आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य की व्यवस्था की गई है। हर व्यक्ति का कल्याण किया जा रहा है। उनका मूल मंत्र 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सागर में संत रविदास के स्मारक का शिलान्यास करेंगे। यह भव्य स्मारक नागर शैली में बनाया जाएगा, जिसमें संत रविदास के दोहे और शिक्षाएं उकेरी जाएंगी। स्मारक में चार गैलरी होंगी। प्रथम गैलरी में संत रविदास का जीवन, दूसरी में इंटरप्रिटेशन सेंटर, तीसरी में उनका दर्शन के साथ रविदासिया पंथ की शिक्षाएं और चौथी गैलरी में उनका काव्य, साहित्य लाइब्रेरी के अलावा संगत हॉल होगा। स्मारक के पास ही जलकुंड, भक्त-निवास और भोजनशाला बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित रथ प्रदेश के 46 जिलों और 53 हजार गांवों से होकर निकलेंगे, जिनमें हर गांव की मिट्टी और 315 नदियों का जल शिलान्यास स्थल पर ले जाया जाएगा। रथ में स्वामी रविदास की पादुका, चित्र और कलश होंगे, जिनका जगह-जगह पूजन किया जाएगा। रथ पर सामाजिक समरसता के संदेश उल्लेखित हैं।
दरअसल, राज्य में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। आदिवासी के बाद दलित ही वह वर्ग है जो चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकता है। दलित वर्ग के लिए राज्य में 35 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं। वहीं, इस वर्ग की आबादी 17 फीसदी के लगभग है।
कुल मिलाकर यह वर्ग नतीजों के जरिए सत्ता का रास्ता बनाता है। भाजपा ने इस वर्ग का दिल जीतने के लिए जहां समरसता यात्रा की शुरुआत की है, वहीं सागर में 100 करोड़ की लागत से संत रविदास का मंदिर बनाने का ऐलान किया है।
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