अरविंद केजरीवाल के एक बयान से विपक्षी एकता में फूट! राजस्थान की सरकार पर जमकर साधा निशाना
- राजस्थान विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की एंट्री
- केजरीवाल ने गहलोत और वसुंधरा को बताया भाई-बहन
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में करीब-करीब पांच महीने का वक्त बचा है। जिसको देखते हुए कांग्रेस और बीजेपी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। लेकिन अब इस चुनाव में हमें तीसरा मोर्चा भी देखने को मिलेगा। जी हां, बीते दिन यानी रविवार को आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले से चुनावी बिगुल फूंक दिया है। केजरीवाल ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए मौजूदा सरकार पर जमकर हमला बोला। साथ ही उन्होंने गहलोत सरकार पर आरोप लगाया कि वो भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने में असफल रहे हैं।
केजरीवाल के कांग्रेस शासित राज्य में जाकर खूब खरी खोटी सुनना, काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले देश की सभी प्रमुख पार्टियां एक छतरी के नीचे आने की कोशिश कर रही हैं। जिनका जिम्मा बिहार के सीएम नीतीश कुमार लिए हुए हैं। सीएम कुमार के नेतृत्व में 23 जून को पटना में विपक्षी एकता की बैठक भी होने वाली है। लेकिन बैठक से पहले कांग्रेस पर जिस तरह केजरीवाल ने हमला बोला है उससे विपक्षी एकता में खट्टास आने की संभावना जताई जा रही है।
सभी राज्य दिल्ली और पंजाब जैसे हों- केजरीवाल
राजस्थान विधानसभा चुनाव इस साल के आखिरी महीने नवंबर या दिसंबर में हो सकते हैं। जिसको देखते हुए अरविंद केजरीवाल ने राजस्थान का दौरा किया और एक सभा को संबोधित भी किया। केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि, राजस्थान की गहलोत सरकार बीते साढ़े चार साल से प्रदेश की हालत बद से बदतर कर दी है। देश का हर राज्य को दिल्ली और पंजाब जैसा होना चाहिए। इन राज्यों में जनता को वो तमाम सुख सुविधाएं हैं जो उन्हें चाहिए। तभी भारत दुनिया का नंबर वन देश बन पाएगा।
'वसुंधरा से बहन भाई का रिश्ता'
अरविंद केजरीवाल ने सीएम अशोक गहलोत को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। पिछले राजस्थान विधानसभा चुनाव में गहलोत जी ने जगह-जगह जाकर तत्कालीन वसुंधरा राजे की सरकार के खिलाफ कॉरप्शन को लेकर मोर्चा खोला था। लेकिन जैसे ही सरकार में आए सारी बाते भूल गए। आप संयोजक ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का जिक्र करते हुए कहा कि, बेचारा पायलट अपनी ही सरकार से यह कहकर थक गया कि वसुंधरा राजे को गिरफ्तार करो, भ्रष्टाचार मामले में कार्रवाई करो लेकिन गहलोत ने एक न सुनी। केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि, गहलोत जी कार्रवाई करने से इसलिए बच रहे हैं क्योंकि वसुंधरा राजे अब उनकी बहन हो गई हैं। पहले यही थे कि चिल्लाते थे कि पैसा खा गई पर अब कार्रवाई की बारी आई तो बहन भाई का रिश्ता बना लिया।
केजरीवाल की रेवड़ी
केजरीवाल ने राजस्थान में पेपर लीक का मामला उठाते हुए कहा कि, प्रदेश में बीते चार वर्षों में 14 पेपर लीक हुए हैं जबकि 10 सालों के अंदर 26 पेपर लीक हो गए। यह पेपर लीक नहीं होता है बल्कि बेचा जाता है। एक पेपर की कीमत 5 से 15 लाख रुपये के होते हैं, जो आपके बच्चों के भविष्य खत्म करने का काम करते हैं। केजरीवाल ने चुनाव को देखते हुए लोकलुभावन एक घोषणा भी कर दी । आप मुखिया ने कहा कि, अगर प्रदेश में हमारी सरकार बनती है तो 100 नहीं बल्कि 300 यूनिट बिजली मुफ्त में देंगे।
विपक्षी एकता में पड़ेगी फूट?
केजरीवाल का यह बयान कांग्रेस को पसंद नहीं आया होगा क्योंकि एक तरफ बीजेपी की घेराबंदी करने की बात चल रही है। इसी बीच उनका यह बयान देना, विपक्षी एकता में रोड़ा पैदा कर सकता है। सियासत के जानकर कहते हैं कि, नीतीश ने जो अपने कंधे पर भार उठाया है वो यकीनन काबिले तारीफ है। लेकिन वाकई विपक्ष एकजुट होना चाहता है जो आज की तारीख में बड़ा सवाल है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि, केजरीवाल ने कांग्रेस पर इसलिए निशाना साधा क्योंकि हाल ही में उन्होंने केंद्र के अध्यादेश पर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करने का समय मांगा था ताकि राज्यसभा में केंद्र के खिलाफ वोट करे। लेकिन कांग्रेस की ओर से किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। जिसको देख अब केजरीवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब केजरीवाल ने जुबानी हमला बोला हो। इसके पहले वो दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस पर हमला बोलते रहे हैं। जिसका फायदा उन्हें मिला भी है और आज दोनों राज्यों में केजरीवाल की ही सरकार है।