राजनीति: जम्मू कश्मीर गिरधारी लाल डोगरा की पुण्यतिथि, उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया याद, बोले 'उनका जीवन प्रेरणास्पद'
जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री गिरधारी लाल डोगरा की आज पुण्यतिथि है। इस मौके पर लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रीनगर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा भी शामिल हुए।
श्रीनगर, 27 नवंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री गिरधारी लाल डोगरा की आज पुण्यतिथि है। इस मौके पर लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रीनगर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा भी शामिल हुए।
लोगों को संबोधित करते हुए उप राज्यपाल ने कहा, उन्हें एक बहुमुखी व्यक्तित्व के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने हमारे समाज के गरीब और हाशिए पर पड़े वर्गों के कल्याण के लिए बहुत काम किया। उनका जीवन और आदर्श आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र शर्मा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “37 साल बाद ही डोगरा साहब के कार्यों की मिसाल दी जाती है। चंद नेता जम्मू-कश्मीर के ऐसे रहे हैं, जिनकी मिसाल हमेशा दी जाती रहेंगी। इनमें गिरधारी लाला शीर्ष पर हैं। गिरधारी लाल ईमानदारी का प्रतिरूप थे। जनता के साथ उनका राब्ता और प्रेम रहा। 27 साल वित्त मंत्री रहने के बावजूद भी उनके ऊपर कोई दाग नहीं है। आज की तारीख में मौजूदा राजनेताओं को उनसे सीखना चाहिए।”
दिवंगत नेता गिरधारी लाल डोगरा की बेटी निधि एस शर्मा भी वहां मौजूद थीं। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “ मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगी कि अगर आज की तारीख में हमारे किसी से रिश्ते बने हैं, तो वो डोगरा साहब के संस्कारों की वजह से बने हुए हैं। हमें सबकुछ उन्होंने ही सिखाया। आज इतने सालों के बाद भी लोग उन्हें याद कर रहे हैं। उन्होंने कभी किसी को भेदभाव की नजरों से नहीं देखा। आज हर कोई इस कार्यक्रम में आया है। आज मेरे पिता के प्रति मेरा सम्मान बढ़ गया है। उन्होंने जो योगदान जम्मू-कश्मीर के लिए दिया है, वो सराहनीय है।”
इस कार्यक्रम में आए डॉ सुमैर खजुरिया ने कहा, “गिरधारी लाल डोगरा जी को महज एक राजनीतिज्ञ कहना पर्याप्त नहीं रहेगा, बल्कि वो भारत मां के वीर सपूत रहे। चार दशक तक जम्मू-कश्मीर की राजनीति में उनका दबदबा रहा। उन्होंने भारत के प्रति अपनी श्रद्धा रखी। उन्होंने भारत के मान को बढ़ाने का काम किया। उनके योगदान को सभी जानते हैं। 1947 में पाकिस्तान के विभाजन के बाद जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ कोई सड़क मार्ग नहीं था। रेल जो हमारे यहां आती थी, उसका भी लिंक टूट चुका था। इसके बाद डोगरा जी ने लोगों को एकत्रित किया और उन सभी लोगों ने सड़क बनाने का काम किया।”
युवाओं को भी जम्मू कश्मीर की राजनीति के बड़े सितारे पर गर्व है। दिव्याने रैना नाम की युवती ने कहा, “पंडित गिरधारी लाल डोगरा जी जैसे कद्दावर नेता जम्मू-कश्मीर में कुछ इस तरह से लोकप्रिय थे कि उन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। आज हम सब उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए आए हैं। उन्होंने समाज के लिए निस्वार्थ होकर काम किया है, जिसकी मिसाल पीढ़ी दर पीढ़ी दी जाती रहेगी।”
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