राजनीति: केजीबीवी छात्राओं को मिलेंगी नई सुविधाएं, मौसमी फल और दूध मुहैया कराएगी योगी सरकार

योगी सरकार कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में अध्ययनरत छात्राओं के पोषण और समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 में छात्राओं को ताजे मौसमी फल, दूध और अन्य आवश्यक सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह पहल छात्राओं के शारीरिक और मानसिक विकास के साथ-साथ उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से की जा रही है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-27 12:38 GMT

लखनऊ, 27 नवंबर (आईएएनएस)। योगी सरकार कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में अध्ययनरत छात्राओं के पोषण और समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 में छात्राओं को ताजे मौसमी फल, दूध और अन्य आवश्यक सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह पहल छात्राओं के शारीरिक और मानसिक विकास के साथ-साथ उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से की जा रही है।

सरकार का उद्देश्य छात्राओं के शारीरिक, मानसिक और शैक्षणिक विकास को सुनिश्चित करना है। इस पहल से न केवल बालिकाओं के उज्ज्वल भविष्य की नींव पड़ेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनने में भी मदद मिलेगी। यह पहल उनके शैक्षिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के साथ-साथ उन्हें समाज में एक मजबूत और सशक्त भूमिका निभाने में सक्षम बनाएगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिए सभी निविदाएं समाचार पत्रों और एनआईसी पोर्टल पर प्रकाशित की जाएंगी। प्रक्रिया को 28 फरवरी 2025 तक पूरा कर आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। किसी भी प्रकार की देरी या अनियमितता पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी।

सरकार ने दैनिक उपभोग और शिक्षण सामग्री की खरीद के लिए जेम (जीईएम) पोर्टल का उपयोग अनिवार्य किया है। यह कदम क्रय प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धात्मकता सुनिश्चित करेगा। विशेष रूप से, छात्राओं को पराग, अमूल, ज्ञान और मदर डेयरी जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड्स से दूध उपलब्ध कराया जाएगा।

डिप्टी डायरेक्टर और वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. मुकेश सिंह ने बताया कि यदि आपूर्ति की गई सामग्री मानक के अनुरूप नहीं पाई जाती है, तो संबंधित फर्म की धरोहर राशि जब्त कर उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर विधिक कार्रवाई भी की जाएगी।

सामग्री की गुणवत्ता की जांच और निगरानी के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति नियमित रूप से आपूर्ति की गई सामग्री की गुणवत्ता का निरीक्षण करेगी। आपूर्ति की गई सामग्री के नमूने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय और संबंधित विद्यालयों में संरक्षित किए जाएंगे।

सरकार का यह प्रयास केवल पोषण तक सीमित नहीं है। छात्राओं की शैक्षणिक सामग्री और अन्य आवश्यकताओं को भी प्राथमिकता दी गई है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर छात्रा को समुचित शिक्षण सामग्री, पोषण और अन्य सुविधाएं समय पर और बिना किसी रुकावट के प्राप्त हों।

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