रामलला प्राण प्रतिष्ठा: जब मोदी करेंगे प्राण प्रतिष्ठा, तब राहुल गांधी समेत पूरा विपक्ष किस काम में होगा व्यस्त, जानिए 22 जनवरी का शेड्यूल
- प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का विपक्ष ने किया बॉयकॉट
- 22 जनवरी को लेकर बनाया खास प्लान
- विपक्ष के कई बड़े नेता समारोह से रहेंगे नदारद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 500 साल के संघर्ष के बाद आखिरकार आयोध्या में प्रभूश्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है। 22 जनवरी को इस नवनिर्मित मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगा। इस ऐतिहासिक समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश की कई नामचीन हस्तियां शामिल होंगी। हालांकि इन सब के बीच विपक्ष के बड़े नेता इस समारोह से नदारद रहेंगे। दरअसल, उन्होंने इसे धार्मिक कार्यक्रम की जगह बीजेपी और आरएसएस का राजनीतिक कार्यक्रम बताकर बॉयकॉट किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब पीएम मोदी 22 जनवरी को रामलला की पूजा अर्चना कर रहे होंगे तब विपक्ष क्या रहा होगा?
क्या है विपक्ष का प्लान?
प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी हैं। बीजेपी समेत वीएचपी और आरएसएस ने इस समारोह को भव्य बनाने के लिए अपने सारी ताकत झोंक दी है। इस समारोह के लिए एक ओर जहां पूरे देश में आनंद और उत्सव का माहौल है तो वहीं विपक्ष के नेताओं ने इससे किनारा कर लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने इस समारोह को भाजपा और आरएसएस का कार्यक्रम बताते हुए जाने से इंकार कर दिया। वहीं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, एनसीपी चीफ शरद पवार, टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित अन्य नेताओं ने भी इसमें शामिल न होने की बात कही है। आइए जानते हैं प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का बॉयकॉट करने के बाद विपक्ष के बड़े चेहरे इस दिन क्या खास करने वाले हैं।
ममता बनर्जी
टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 22 जनवरी को अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में नहीं जाएंगी। उनके ना जाने का कारण टीएमसी नेता पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। उनके अनुसार प्राण प्रतिष्ठा साधु-संतों का काम है। नेताओं का इसमें कोई काम नहीं है।
ममता बनर्जी 22 जनवरी को धार्मिक रैली करने वाली हैं जिसमें सभी धर्मों को कवर किया जाएगा। यह रैली कोलकाता में निकाली जाएगी जो कि मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वार से होते हुए गुजरेगी। रैली की शुरूआत मां काली के मंदिर में पूजा-अर्चना से होगी। जिसके बाद हजरा से होते हुए पार्क सर्कस मैदान पर जाकर खत्म होगी। इस भव्य रैली में सभी धर्मों के लोग शामिल होंगे।
राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों मणिपुर से मुंबई तक भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले हुए हैं। उन्होंने भी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में जाने से मना कर दिया है। यात्रा के दौरान नागालैंड में राहुल ने अपना स्टैंड क्लियर कर दिया था। उन्होंने कहा था कि यह बीजेपी का पॉलिटिकल इवेंट है और वे इसमें नहीं जाएंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी पार्टी से जो भी अयोध्या जाना चाहता है जा सकता है। सूत्रों के अनुसार 22 जनवरी को राहुल गांधी असम में मौजूद होंगे। जहां वो यहां के कामाख्या देवी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे।
कालाराम मंदिर जाएंगे उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे भी 22 जनवरी को अयोध्या जाने की जगह नासिक के प्रसिद्ध कालाराम मंदिर की महाआरती में शामिल होंगे। बता दें कि इसके अगले ही दिन यानी 23 जनवरी को शिवसेना (यूबीटी) ने बाल ठाकरे के जन्मदिन के अवसर पर नासिक में एक विशाल रैली का आयोजन किया है।
अरविंद केजरीवाल
आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राम मंदिर के लिए कोई आधिकारिक निमंत्रण तो नहीं मिला है। लेकिन 22 जनवरी को उन्होंने दिल्ली में सुंदर कांड और हनुमान चालीसा पाठ के आयोजन की घोषणा की है।
अखिलेश यादव और शरद पवार
सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी राम मंदिर के उद्घाटन समारोह मे जाने से इंकार कर दिया था। उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे 22 जनवरी के बाद राम मंदिर जाएंगे। तब तक राम मंदिर का निर्माण भी पूर्ण हो जाएगा। इसके अलावा जब एनसीपी प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार को जब प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता मिला तो उन्होंने आभार व्यक्त किया। हालांकि वह भी इसमें शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि वे 22 जनवरी के बाद राम मंदिर जाएंगे।
बता दें कि इन नेताओं के अलावा राजद के संस्थापक और संरक्षक लालू प्रसाद यादव, तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रमुक के हेड एमके स्टालिन, सीपीआईएम की बृंदा करात और सीताराम येचुरी को भी न्यौता भेजा गया है। लेकिन उन्होंने भी कार्यक्रम में शामिल न होने की बात कही है।