हाथरस भगदड़ मामला: एसआईटी रिपोर्ट के बाद यूपी सरकार का बड़ा एक्शन, एसडीएम, सीओ और तहसीलदार समेत 6 अधिकारी सस्पेंड
- एसआईटी रिपोर्ट में कार्यक्रम आयोजक मुख्य जिम्मेदार
- जांच टीम ने 300 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की
- अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया
डिजिटल डेस्क, हाथरस। उत्तरप्रदेश के हाथरस भगदड़ कांड में एसआईटी रिपोर्ट के बाद योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया। हाथरस मामले में सरकार ने स्थानीय एसडीएम, सीओ और तहसीलदार समेत छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। अपनी रिपोर्ट में एसआईटी ने हादसे के लिए कार्यक्रम आयोजक को मुख्य जिम्मेदार बताया और कहा कि आयोजकों की लापरवाही से ही इतना बड़ा हादसा हुआ, जबकि स्थानीय प्रशासन की भी जवाबदेही तय करने की बात कही थी।
आपको बता दें जुलाई महीने की दूसरी तारीख को हाथरस में साकार विश्व हरि के नाम से प्रचलित बाबा के सत्संग में अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई। यूपी सरकार ने भगदड़ मामले की जांच के लिए तुरंत एसआईटी गठित की। एक सप्ताह बाद जांच टीम ने अपनी 300 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की। इसी रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने एक्शन लिया है। एसआईटी की रिपोर्ट में इन अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है।
विशेष जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में साजिश से इनकार नहीं किया है , रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मामले में गहन जांच की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया कि भीड़ को आमंत्रण देकर सुरक्षा व्यवस्था के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए। स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया।
आपको बता दें विशेष जांच दल ने अपनी 300 पन्नों की रिपोर्ट में 125 लोगों के बयान दर्ज किए थे। इनमें हाथरस के डीएम आशीष कुमार, एसपी निपुण अग्रवाल से लेकर सत्संग की अनुमति देने वाले एसडीएम और सीओ सिकंदराराऊ और दो जुलाई को सत्संग की ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के बयान भी शामिल थे। रिपोर्ट में सत्संग का आयोजन करने वाली समिति पर निशाना साधा गया था, जबकि इसमें सूरजपाल उर्फ साकार विश्व हरि का नाम नहीं था।