घुसपैठ मामला: म्यांमार बॉर्डर पर बेरोकटोक एंट्री पर लगेगी पाबंदी, लगाई जाएगी फेंसिंग, घुसपैठ पर अमित शाह का बड़ा बयान
- म्यांमार से बढ़ी घुसपैठ की घटनाएं
- अमित शाह ने किया फेंसिंग लगाने का ऐलान
- फ्री मूवमेंट एग्रीमेंट होगा रद्द
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को असम में बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि म्यांमार से हो रही घुसपैठ को रोकने के लिए बॉर्डर पर फेंसिंग कराई जाएगी। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच बीते 54 साल से जारी फ्री मूवमेंट को भी बंद किया जाएगा। गुवाहाटी में पांच नवगठित असम पुलिस कमांडो बटालियन के पहले बैच की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा, “भारत-म्यांमार बॉर्डर को बांग्लादेश बॉर्डर की तरह सुरक्षित किया जाएगा। भारत सरकार अब म्यांमार के साथ बेरोकटोक आवाजाही की व्यवस्था को खत्म कर देगी।”
म्यामांर की सीमा भारत के चार राज्य अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर और मिजोरम से लगती है, जिसकी कुल लंबाई 1600 किमी है। दोनों देशों के बीच साल 1970 में फ्री मूवमेंट यानी एक दूसरे की सीमा में बेरोकटोक एंट्री का एग्रीमेंट हुआ था। तब से भारत सरकार इसे समय-समय पर रिन्यू करती जा रही है। अंतिम बार इसे 2016 में रिन्यू किया गया था।
उस समय इस एग्रीमेंट को करने के पीछे की बड़ी वजह भारत और म्यांमार सीमा पर रहने वाले लोगों के बीच रहने वाले पारिवारिक और करीबी संबंध थे।अब भारत सरकार इसी व्यवस्था को खत्म करने जा रही है। जिसके बाद अब सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को दूसरे देश आने जाने के लिए वीजा की जरुरत पडे़गी।
मिजोरम में घुसे थे म्यांमार के 600 सैनिक
गृहमंत्री शाह ने यह घोषणा उस समय की है जब पड़ोसी देश म्यांमार में विद्रोही गुटों और सेना के बीच जंग तेज हो रही है। इस बीच बीते दिनों म्यांमार के 600 सैनिकों ने वहां से भागकर भारत के पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में शरण ली है। जिसकी सूचना मिजोरम सरकार ने केंद्र सरकार को दी, साथ ही उन्हें वापस म्यांमार भेजने की अपील भी की थी।
मणिपुर सरकार सस्पेंड कर चुकी फ्री मूवमेंट एग्रीमेंट
हिंसाग्रस्त मणिपुर भी साल 2020 में म्यांमार के साथ फ्री मूवमेंट एग्रीमेंट सस्पेंड कर चुका है। इसको लेकर राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 23 सितंबर, 2023 को कहा था कि उन्होंने गृह मंत्रालय से म्यांमार सीमा पर फ्री मूवमेंट एग्रीमेंट को रद्द करने और बॉर्डर पर पर फेंसिंग कराने का काम करने की अपील की थी। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में जारी जातीय हिंसा के लिए सीमा पार से हो रही बेरोकटोक आवाजाही को जिम्मेदार ठहराया था।