भारत में मंकीपॉक्स की दस्तक: विदेश से लौटे एक व्यक्ति में पाया गया वायरस, स्वास्थ्य मंत्रालय ने की पुष्टि, जारी की एडवाइजरी
- भारत में मिला मंकीपॉक्स का पहला केस
- विदेश से यात्रा कर लौटे व्यक्ति में मिला वायरस
- स्वास्थ्य मंत्रालय जारी की एडवाइजरी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया भर में मंकीपॉक्स (MonkeyPox) का कहर मचा रहा है। भारत में भी इसका का पहला मरीज मिला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। मंत्रालय ने बताया है कि विदेश से लौटा एक व्यक्ति जिसे मंकीपॉक्स के संदेह में आइसोलेशन में रखा गया था, वो पॉजिटिव पाया गया है।
उसके सैंपल की जांच में मंकीपॉक्स के स्ट्रेन वेस्ट अफ्रीकन क्लेड 2 के होने की पुष्टि हुई। हालांकि ये स्ट्रेन डब्ल्यूएचओ की की ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी में शामिल स्ट्रेन क्लेड1 नहीं है। 2022 में क्लेड 2 के 30 केस मिले थे।
सोमवार को ही केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने मंकीपॉक्स को लेकर देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश को एडवाइजरी जारी की थी। जिसमें उन्होंने कहा था, 'मंकीपॉक्स के खतरे को रोकने के लिए सभी राज्यों को हेल्थ एक्शन लेना चाहिए।'
उन्होंने आगे कहा, 'राज्यों को मंकीपॉक्स पर स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के मंकीपॉक्स पर जारी सीडी-अलर्ट (कम्यूनिकेवल डिजीज अलर्ट) पर एक्शन लेना चाहिए। इसके अलावा राज्यों को अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा करनी चाहिए। सीनियर अधिकारियों को जिलों की स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेना चाहिए।'
बता दें कि 14 अगस्त को मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। जिसके बाद भारत ने अपने सभी बंदगाह, एयरपोर्ट और पड़ोसी मुल्क से लगी सीमा पर अलर्ट जारी किया था।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?
संक्रमित जानवर या इंसान के साथ नजदीकी संपर्क रखने वाले लोगों के साथ फिजिकल और सेक्शुअल कॉन्टैक्ट रखने से मंकीपॉक्स वायरस फैलता है। ये संक्रमित व्यक्ति के द्वारा उपयोग किए गए कपड़े, बिस्तर, बर्तन, सलाइवा, स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट के माध्यम से फैलता है।
शरीर में रैशेज यानी लाल रंग के चकते पड़ना इसके प्रमुख लक्षणों में से एक है। इसके अलावा बुखार आना, तेज सिर दर्द, पीठ दर्द, मवाद वाले पिंपल, कमजोरी और खाना या पानी निकलने में तकलीफ होना भी इसके लक्षण हैं।