मणिपुर में हैवानियत का शिकार हुई महिला अब इस मानसिक बीमारी का शिकार! घटना के बाद पहली बार सामने आई फौजी पति की बेबसी- 'देश बचाया लेकिन पत्नी को न बचा सका'
- एक्स आर्मी ऑफिसर हैं पीड़िता के पति
- कारगिल युद्ध में लिया था हिस्सा
- मामले में पहली बार बोला पीड़िता का परिवार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंसाग्रस्त मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुई दरिंदगी की घटना ने पूरे देश को हिला कर दिया है। घटना का वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में दुख और गुस्से का माहौल है। इस बीच इस मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है, जिसके मुताबिक हैवानियत का शिकार हुई महिलाओं में से एक महिला के पति भारतीय सेना के रिटायर्ड सूबेदार हैं और 1999 में हुए कारगिल युद्ध में हिस्सा ले चुके हैं।
एक न्यूज पेपर से बात करते हुए पीड़िता और उनके पति ने पहली बार इस मामले पर अपने विचार रखे हैं। इंडियन आर्मी में कार्यरत रहे पीड़िता के पति ने बताया कि, 'मैं कारगिल की लड़ाई के दौरान देश की रक्षा में तैनात रहा, उसके सम्मान के लिए लड़ा लेकिन अपनी पत्नी के सम्मान को नहीं बचा सका।' उन्होंने कहा, 'मैं उस डरावने पल को याद नहीं करना चाहता हूं। उस दौरान मैंने और मेरे बच्चों ने हमलावरों से कई बार मिन्नतें की लेकिन उन्होंने हमारी एक न सुनी।'
पूर्व सैनिक ने अखबार को दिए अपने इंटरव्यू में कहा, 'उपद्रवियों ने जब गांव को जलाना शुरू किया तो हम जंगल में छिपकर बैठ गए। वहां हमारे जैसे ही कई और लोग थे जो अपनी जान बचाने के लिए छिपे थे। इसके बाद जहां लोग छिपे थे वहां हिंसा करने वाले लोग भी आ गए। वहां से वह मेरी पत्नी और एक अन्य महिला को अपने साथ लेकर गए और उनके कपड़े उतरवाकर उनके साथ अभद्रता की।'
उन्होंने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि, 'जिस वक्त इलाके में हिंसा हो रही थी, वहां पुलिस का एक जवान भी तैनात था। लेकिन प्रदर्शन होने पर वह वहां से चला गया और उपद्रवियों को एक तरह से खुली छूट मिल गई। पूर्व सैनिक ने बताया कि मैं घटना के वीडियो में नजर आ रहे कुछ लोगों को पहचान भी सकता हूं।'
वहीं हैवानियत का शिकार हुई महिला ने बताया कि, 'उनका सबकुछ तबाह हो चुका है। वह अपना सामान से लेकर सम्मान तक इसमें गंवा चुकी हैं। पीड़िता ने घटना के बारे में बताया कि, 'हम दो महिलाओं को बंदूक की नोंक पर सैंकड़ों लोगों की भीड़ के सामने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया। हमारे ऐसा न करने पर हमें जान से मारने की धमकी दी।' पीड़िता ने आगे बताया, 'उन लोगों ने हमारे साथ हैवानों जैसा व्यवहार किया। हमें नाचने पर मजबूर किया, धक्का मारा, गलत जगह छुआ और परेड कराई।' वहीं पीड़िता के पति ने बताया कि, 'मेरी पत्नी पर इतना सबकुछ बीतने के बाद वह डिप्रेशन में चली गई थी, लेकिन अपने बच्चों के भविष्य के लिए वह दोबारा सामान्य होने की कोशिश कर रही है।'