मध्यप्रदेश से रहा है संसद भवन के डिजाइन का नाता, नए संसद भवन का कनेक्शन किससे ?
- नई संसद का उद्घाटन
- पुराने संसद का कनेक्शन मुरैना के चौंसठ योगिनी मंदिर
- नई संसद में सर्वधर्म प्रार्थना ती गूंज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज रविवार 28 मई को भारत को लोकतंत्र का नया मंदिर यानि नई संसद मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भव्य नए संसद भवन का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने नई संसद को राष्ट्र के नाम समर्पित किया। उद्घाटन के बाद से सभी भारतीयों के मन में ये सवाल उठने लगा कि नए संसद भवन का आकार किससे मिलता है। आपको बता दें ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस की ओर से बनाए गए वर्तमान संसद का आकार मध्यप्रदेश के मुरैना के चौंसठ योगिनी मंदिर के डिजाइन के तर्ज पर किया था। अब नए संसद के डिजाइन का नाता भी मध्यप्रदेश के एक मंदिर से होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि अभी तक सरकार की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है।
नए संसद का डिजाइन मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के एक प्रसिद्ध मंदिर से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि नए संसद भवन का डिजाइन विदिशा की विजय मंदिर को देखकर किया गया है। विजय मंदिर के ऊंचे बेस को देखकर इसका आकार और संसद की आकृति एक जैसी दिखाई पड़ती है। विजय मंदिर के पीछे चार मीनारें दिखाई देती हैं। यानी भारत की सबसे शक्तिशाली इमारत जिसे लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है, का नाता आजादी के पहले से मध्य प्रदेश से जुड़ा है और आगे भी जुड़ा रहेगा।
इतिहासकारों के मुताबिक विजय मंदिर देश के विशालतम मंदिरों में गिना जाता है। आक्रांताओं द्वारा विजय मंदिर को कई बार तोड़ा गाया, लूटा गया है। मोहम्मद गोरी के गुलाम अल्तमश से लेकर औरंगजेब जैसे क्रूर शासकों का मंदिर शिकार हो चुका है, लेकिन समय समय पर इसका निर्माण भी करवाया गया। विजय मंदिर मंदिर का निर्माण चालुक्यवंशी राजा ने विदिशा विजय को चिरस्थाई बनाने के लिए यहां पर भेल्लिस्वामिन (सूर्य) का मंदिर बनवाया था। परमार काल में परमार राजाओं ने 10वीं व 11वीं शताब्दी में इसका पुनर्निर्माण करवाया था। औरंगजेब ने विजय मंदिर को ध्वस्त किया। इसके बाद मराठा राजाओं ने इसका पुनर्निर्माण कराया था।