ज्ञानवापी मामला: पूजा की अनुमति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से किया इंकार, हाईकोर्ट जाने का दिया निर्देश

  • सुप्रीम कोर्ट ने पूजा के खिलाफ तत्काल सुनवाई से किया इंकार
  • मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट का रूख करने का दिया निर्देश
  • गुरूवार तड़के अनुमति के बाद व्यास तहखाने में की गई पूजा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-01 06:58 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका दिया है। उच्चतम न्यायालय ने जिला कोर्ट के फैसले के खिलाफ तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया है। साथ ही न्यायालय ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट का रूख करने का निर्देश दिया। बुधवार करीब तीन बजे वाराणसी जिला कोर्ट ने हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में पूजा की अनुमति दी थी। पूजा-अर्चना की अनुमति दिए जाने से नाराज मुस्लिम पक्ष ने जिला कोर्ट के फैसले के खिलाफ जाने का फैसला लिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर तत्काल सुनवाई करने से इंकार कर दिया।

व्यास तहखाने में गुरूवार तड़के 31 साल बाद की गई पूजा

वाराणसी हाईकोर्ट से पूजा की अनुमति मिलने पर 31 साल बाद ज्ञानवापी परिसर में गुरुवार तड़के दोबारा पूजा-अर्चना की गई। विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्र और गणेश्वर द्रविड़ ने व्यास जी तहखाने में पूजा करवाई। कोर्ट ने बुधवार दोपहर करीब तीन बजे पूजा-अर्चना की अनुमति दी जिसके बाद देर रात को ही लोहे की बैरिकेडिंग हटाकर पूजा की व्यवस्था की गई और गुरुवार तड़के शंखनाद और घंटियों की आवाज से पूरा ज्ञानवापी परिसर गूंज उठा। नवंबर 1993 में बैरिकेंडिंग कर व्यास जी तहखाने में पूजा-अर्चना रोक दी गई थी।

अखिलेश यादव ने पूजा शुरू होने पर कही ये बात

ज्ञानवापी परिसर में दोबारा शुरू हुए पूजा को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक नियत प्रक्रिया बताया। अपने एक्स हैंडल के जरिए मामले पर रिएक्शन देते हुए उन्होंने लिखा, "किसी भी अदालती आदेश का पालन करते समय उचित प्रक्रिया को बनाए रखना होगा। वाराणसी कोर्ट ने इसके लिए 7 दिन की अवधि तय की। अब हम जो देख रहे हैं वह नियत प्रक्रिया से परे जाने और उठाए जाने वाले किसी भी कानूनी सहारा को रोकने का एक ठोस प्रयास है।"

'सब प्रभु की इच्छा है' - ब्रजेश पाठक

वाराणसी जिला कोर्ट के फैसले से हिंदू पक्ष में खुशी का माहौल है। व्यास जी तहखाने में 31 साल बाद मंगला गौरी की पूजा-अर्चना होने पर हिंदू समाज में खुशी का माहौल है। फैसले के बाद ज्ञानवापी परिसर और काशी विश्वनाथ धाम में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जवानों को तैनात कर दिया गया है। मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ने कहा, "सब प्रभु की इच्छा है।"

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