दिल्ली एलजी बनाम सरकार: सुप्रीम कोर्ट ने डीईआरसी सदस्यों की नियुक्ति के लिए चयन समिति का किया गठन

  • दिल्ली में नियुक्ति का मामला
  • सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विद्युत नियामक आयोग को दिया आदेश
  • सुको के आदेश पर डीईआरसी गठित करेगा चयन कमेटी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-06 10:52 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के दो प्रोटेम सदस्यों की नियुक्ति के लिए एक चयन समिति गठित करने का आदेश पारित किया। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एक आदेश सुनाया,जिसमें कहा गया कि चयन समिति में दिल्ली एचसी के पूर्व न्यायाधीश जयंत नाथ, विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण (एपीटीईएल) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और दिल्ली के पूर्व न्यायमूर्ति आशा मेनन शामिल होंगे।

अदालत ने समिति को एक महीने के भीतर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उपराज्यपाल को नाम सौंपने का भी निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, समिति प्रस्तावित नियुक्ति के लिए अपनी प्रक्रिया को विनियमित करने के लिए स्वतंत्र होगी। अदालत ने कहा कि आपसी सहमति से तय किए गए अनुसार बैठक भौतिक या वस्तुतः आयोजित की जा सकती है।

आदेश सुनाते हुए सीजेआई ने कहा कि सदस्यों को तय करने में समिति चयनित व्यक्तियों की क्षमता, अखंडता और डोमेन ज्ञान को उचित सम्मान देगी। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी को सदस्यों की नियुक्ति के लिए चयन समिति के गठन पर क्रमशः उपराज्यपाल कार्यालय और दिल्ली सरकार से निर्देश लेने का निर्देश दिया था, ताकि एक व्यावहारिक समाधान निकाला जा सके। 

दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिंघवी ने अदालत को बताया था कि तीन न्यायाधीशों की पीठ प्रोटेम आधार पर दो सदस्यों की नियुक्ति कर सकती है जैसा कि अगस्त में डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए किया गया था। अदालत ने दोनों पक्षों को मामले पर निर्देश प्राप्त करने और सोमवार को वापस आने का निर्देश दिया था।

4 अगस्त को, एलजी और मुख्यमंत्री की नियुक्ति पर आम सहमति नहीं बन पाने के बाद शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति जयंत नाथ को डीईआरसी के तदर्थ अध्यक्ष के रूप में नामित किया। दिल्ली सरकार ने नियुक्तियों के मामले में निर्वाचित सरकार पर एलजी को अधिभावी शक्तियां देने वाले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अधिनियम, 2023 के प्रावधानों को चुनौती दी है।

याचिका पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट ने 18 अक्टूबर को कहा था कि डीईआरसी के चेयरपर्सन की नियुक्ति के मुद्दे पर पांच जजों की संविधान पीठ के समक्ष लंबित कार्यवाही के नतीजे का इंतजार करना होगा।

आईएएनएस

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