निर्भया के दोषियों का केस लड़ने वाले वरिष्ट वकील एपी सिंह ने किया सीमा हैदर का समर्थन
- पाकिस्तान से भारत आई है सीमा हैदर।
- सीमा हैदर के समर्थन में सामने आए एपी सिंह।
- सीमा पर पाकिस्तानी जासूस होने के लग रहे आरोप।
डिजिटल डेस्क,नईदिल्ली। पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते भारत आई सीमा हैदर देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी सुर्खिंयों में बनी हुई है। सीमा हैदर को लेकर दावा किया जा रहा है कि वह पाकिस्तान की जासूस हो सकती है वहीं सीमा का कहना है कि वह भारत अपने प्यार के कारण ही आई है। सीमा यह भी कह रही है कि उसने सचिन से शादी कर ली है। सीमा हैदर से बीते दिनों ही यूटीएस ने कई घंटो तक पूछताछ की है। इसी बीच अब सीमा हैदर के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ट वकील एपी सिंह आ गए हैं। एपी सिहं ने दावा किया है कि वह सीमा के वकील है। साथ ही उन्होंने कहा है कि सीमा हैदर के मामले को वह राष्ट्रपति के साामने उठाएंगे।
एपी सिंह ने 'एबीपी न्यूज' से बात करते हुए कहा कि राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करेंगे। जिसमें सीमा को जीवनदान देने की मांग की जाएगी। सीमा हैदर के मामले में बात करते हुए एपी सिंह ने कहा कि सीमा को पाकिस्तान डिपोर्ट करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि अगर ऐसा होता है तो सीमा और उसके बच्चों की हत्या हो सकती है। एपी सिंह ने यह भी कहा कि उसने नेपाल आकर हिंदू रिती-रिवाज से सचिन से शादी किया है, रॉ एनआईए,यूपी एटीएस चाहे तो सीमा हैदर की किसी से भी जांच करवा सकती है। लेकिन उसे यहां रहने दिया जाए। वरिष्ट वकील एपी सिंह ने अदनान शामी का जिक्र करते हुए कहा कि उसी आधार पर सीमा को भी भारतीय नागरिकता दी जानी चाहिए।
एपी सिंह ने लड़ा था निर्भया के दोषियों का केस
सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ट वकील एपी सिंह ने ही निर्भया के दोषियों का केस लड़ा था और उन सबका बचाव कर रहे थे। लेकिन निर्भया केस के सभी दोषियों को मार्च 2020 में फांसी की सजा दे दी गई थी।
उत्तर प्रदेश के रहने वाले एपी सिंह सन् 1997 से वकालत कर रहे हैं। निर्भया के दोषियों के पक्ष में केस लड़ने के फैसले को लेकर एपी सिंह की कई बार आलोचना भी की गई थी। हालांकि इस मामले में एपी सिंह यह कहते रहे कि यह उनके पेशे का हिस्सा है।
बता दें साल 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप केस मे देशभर में बहुत हंगामा हुआ था। वहीं कई शहरों में लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध जताते हुए दोषियों को फांसी देने की मांग की थी। इस मामले में दोषियों की तरफ से वकीलों ने केस लड़ने के मना कर दिया था। लेकिन बाद में एपी सिंह ने दोषियों का पक्ष कोर्ट के सामाने रखा था। लेकिन निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा से नहीं बचा पाए। सभी दोषियों को फांसी की सजा दी गई।