सुल्तानगंज-अगुवानी पुल टूटने से टूटी लोगों की आस, 50 से अधिक वर्षो से जारी है संघर्ष
दरअसल, इस पुल के लिए स्थानीय लोग 50 से अधिक वर्षो से संघर्ष कर रहे हैं। सुल्तानगंज से अगुवानी के बीच सबसे पहले पीपा पुल बनाने की मांग 1962 में उठी थी। यह मांग करीब 10 से 12 वर्षो तक चलती रही।
स्थानीय लोगों का कहना इसी बीच जब भागलपुर में विक्रमशिला पुल निर्माण की सुगबुगाहट होने लगी तो लोगों का ध्यान इस पुल से हट जरूर गया, लेकिन इसकी मांग होती रही। सुल्तानगंज से अगुवानी पुल निर्माण के लिए स्थानीय लोगों लोगों ने सड़क पर उतरकर आंदोलन किया तो धरना और प्रदर्शन भी किया। इसके लिए क्षेत्र में संघर्ष समिति तक बनाई गई।
समिति से जुड़े देवेश कुमार कहते हैं कि उनलोगों का संघर्ष तब रंग दिखाया, जब इस पुल का शिलान्यास 2014 में किया गया। पुल के शिलान्यास के बाद स्थानीय लोगों को यह आस जग गई कि अब इस पुल के निर्माण के बाद आवागमन सुगम होगा। लेकिन, उन्हें क्या पता था कि पुल के निर्माण कार्य पूरा होने के पहले ही यह भरभरा कर गिर जाएगा। स्थानीय लोगों का अब मानना है कि पुल गिरने को लेकर राजनीति जो हो रही हो, होती रहे, लेकिन उनलोगों की आज नहीं टूटनी चाहिए।
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