यूपी विधानसभा: भाजपा विधायक केतकी सिंह के विवादित बोल पर भड़के सपा नेता, सदन में जमकर हुई नारेबाजी
- बलिया विधायक केतकी सिंह के विवादित बोल
- जनरल डायर से की मुलायम सिंह की तुलना
- भड़के सदन में मौजूद सभी सपा नेता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को सपा और भाजपा नेताओं के बीच भारी विवाद हो गया। विवाद के चलते कुछ देर के लिए सदन की कार्यवाही रोक दी गई। दोनों दल के नेताओं के बीच विवाद का कारण बना भाजपा की बलिया सांसद केतकी सिंह के तीखे बोल। भाजपा सांसद ने समाजवादी पार्टी (सपा) संस्थापक मुलायम सिंह यादव को लेकर सदन में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया कि वहां मौजूद सपा नेताओं को यह एकदम नागवार गुजरा। सदन में मौजूद समाजवादी पार्टी के नेताओं ने केतकी सिंह के बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज की। बताया जा रहा है कि इस दौरान कुछ सपा नेताओं ने भी भाजपा नेता के लिए भी अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। स्पीकर ने दोनों पक्ष को सुनने और घटना की रिकॉर्डिंग देखने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।
केतकी सिंह के विवादित बोल
विधानसभा सत्र के चौथे दिन सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के लिए सभी विधायकों को सात मिनट का समय दिया गया। इस दौरान जब केतकी सिंह की बारी आई तो उन्होंने मुलायम सिंह पर राम मंदिर निर्माण में रोड़ा अटकाने का आरोप लगाते हुए उनकी तुलना जलियावाला बाग कांड के लिए जिम्मेदार जनरल डायर से कर दी। यह सुनते ही सपा नेता में आक्रोश भर गया और विरोध जताते हुए सभी विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। इस पर भाजपा नेताओं ने जय श्री राम का नारा लगाना शुरू कर दिया।
बलिया से भाजपा विधायक ने मुलायम सिंह का नाम लिए बिना कहा कि एक जनरल डायर था जो बाहर से आया और जलियावाला बाग कांड कराकर चला गया। हर भारतीय उस पर थूकता है और दूसरी बार थूकता है उस समय के तत्कालीन मुख्यमंभी पर जिन्होंने जालीदार टोपी वालों के समर्थन के लिए निहत्थे रामभक्तों पर गोली चलाई। केतकी सिंह ने नाम लिए बिना मुलायम सिंह पर निशाना साधा। दरअसल, जिस समय निहत्थे राम मंदिर आंदोलनकारियों पर पुलिस-प्रशासन ने गोली चलाई थी उस समय प्रदेश में मुलायम सिंह की सरकार थी।
स्पीकर ने शांत करवाया विवाद
केतकी सिंह के बयान पर सपा नेताओं ने कड़ा विरोध जताया। धीरे-धीरे दोनों पक्ष में विवादित बढता गया। तत्काल स्पीकर के कुर्सी पर मौजूद मंजू शीवाच ने विवाद शांत करने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। स्पीकर ने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने से दोनों पक्ष को रोकने की कोशिश की। इस दौरान विधानसभा स्पीकर सतीश महाना भी सदन में लौट आए। सतीश महाना ने दोनों पक्ष को बारी-बारी से अपना पक्ष रखने को कहा। सपा नेताओं ने स्पीकर के सामने केतकी सिंह के बयान पर आपत्ति जताते हुए माफी की मांग की। जवाब में केतकी सिंह ने भी उनके खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप सपा नेताओं पर लगाया। स्पीकर ने दोनों पक्ष की बातें सुनने के बाद सीसीटीवी फुटेज देखकर फैसला लेने की बात कही। इसके बाद सदन की कार्यवाही फिर से शुरू की गई।
सपा नेताओं ने किया विरोध
स्पीकर के सामने अपना पक्ष रखते हुए सपा नेताओं ने केतकी सिंह के विवादित बोल पर कड़ी आपत्ति दर्ज की। सबसे पहले सपा विधायक संग्राम सिंह ने अपना पक्ष स्पीकर के सामने रखा। उन्होंने कहा कि आज बलिया की विधायक केतकी सिंह ने जिस तरह की बातें कही वह ठीक नहीं है। जो लोग यहां नहीं है उनकी चर्चा नहीं होनी चाहिए। ... मोदी सरकार ने कुछ समय पहले ही पद्मभूषण से उन्हें सम्मानित किया था। उनके लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया। उनपर थूकने की बातें कही गई। ... उनकी बातों से हम लोग आहत है। इस तरह की भाषा का प्रयोग नेताजी के लिए नहीं होना चाहिए।
इसके बाद सपा नेता अतुल प्रधान और विधायक दुर्गा सिंह ने भी विरोध जताते हुए केतकी सिंह से माफी की मांग की। अतुल सिंह ने कहा, 'अगर हमारे नेताजी के ऊपर थूंकने की बात करेंगे तो हम इसे सहन नहीं करेंगे। ऐसी बातें कहने पर माफी मांगनी चाहिए।' समाजवादी पार्टी के विधायक दुर्गा प्रसाद ने भी मामले पर अपना पक्ष रखते हुए भाजपा की बलिया विधायक केतकी सिंह से माफी की मांग की।