हाथरस हादसा: सत्संग वाचक 'भोले बाबा' का नाम FIR में नहीं, कार्यक्रम में लाखों की भीड़ होने का दावा, पैरों की धूल लेने से मची भगदड़
- हाथरस हादसे में सत्संग वाचक भोले बाबा का नाम FIR में नहीं
- सत्संग में करीब ढाई लाख लोगों की भीड़ होने की आशंका
- कार्यक्रम आयोजकों के खिलाफ नए कानून के तहत एफआईआर दर्ज
डिजिटल डेस्क, हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के जीटी रोड स्थित गांव फुलराई के पास चल रहे सत्संग के दौरान एक बेहद दुखद हादसा हो गया। सत्संग में हुई भगदड़ से 116 लोगों की मौत हो गई जिसमें महिलाओं की संख्या अधिक बताई जा रही है। साथ ही दर्जनों लोग घायल हैं। बता दें पुलिस ने सत्संग कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इसमें कार्यक्रम के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर समेत कई आयोजक शामिल हैं। वहीं सत्संग वाचक नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा' का नाम, पुलिस की दर्ज की हुई एफआईआर में कहीं भी नहीं है। बता दें यह वही बाबा हैं जिनके कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मची थी और सैकड़ों लोगों की मौत हुई।
नए कानून के तहत मामला दर्ज
उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा नामक सत्संग वाचक प्रवचन दे रहे थे। सत्संग कार्यक्रम में करीब ढाई लाख लोगों की भीड़ होने की जानकारी है। प्रवचन के बाद मची भगदड़ से करीब 116 लोगों की जान चली गई और कई घायल हैं। इस हादसे के चलते पुलिस ने कार्यक्रम आयोजकों पर एफआईआर दायर की है। यह FIR नए कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 105, 110, 126(2), 223 और 238 के तहत दाखिल की गई है।
बताया जा रहा है कि भोले बाबा के मुख्य सहयोगी देवप्रकाश मधुकर को कार्यक्रम में लाखों लोगों के आने का अनुमान था लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। जानकारी के मुताबिक सत्संग कर रहे भोले बाबा का नाम एफआईआर में नहीं है।
FIR में क्या पाया गया?
हाथरस में हुए सत्संग के आयोजकों पर एफआईआर दर्ज हो गई है। इस एफआईआर के हिसाब से सत्संग आयोजकों ने मंगरवार को हुए कार्यक्रम में 80,000 लोगों के आने के बारे में कहा था। बता दें कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के साथ कई प्रदेशों से लगभग ढाई लाख लोगों के आने की खबर है। सत्संग के बाद सैकडों लोगों की भीड़ बाबा के चरणों की धूल लेने भागी जिससे स्थिति बेकाबू हो गई। इसी भगदड़ में करीब 116 लोगों की मौत हो गई।
लोगों ने बताया आखों देखा हाल
हादसे के बाद लोगों ने आखों देखा हाल बताया। घटना स्थल के आस-पास रहने वालों का कहना है की- सत्संग के बाद भोले बाबा ने लोगों से उनके पैरों की धूल लेने और माथे पर लगाने को कहा। इसी बीच लोग बाबा के चरणों की धूल लेने दौड़े जिसके चलते भगदड़ मच गई। भगदड़ में लोग एक दूसरे के ऊपर गिरे लगे और दबने से सैकड़ों की जान चली गई।